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जयंती विशेष: पढ़िए राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की लिखी पांच कविताएं
हिंदी काव्यजगत की प्रथम-पंक्ति के अग्रगण्य कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ को राष्ट्रकवि का दर्जा हासिल है। कई कालजयी रचनाओं की अमूल्य निधि देने वाले इस महाकवि की 23 सितंबर को जयंती है। ऐसे में दिनकर जी की कुछ बेहद चर्चित रचनाओं पर गौर करना जरूरी है। आइये पढ़ते हैं दिनकर जी की 5 कविताएं:
1. समर शेष है
ढीली करो धनुष की डोरी, तरकस का कस खोलो,
किसने कहा, युद्ध की बेला चली गयी, शांति से बोलो?
किसने कहा, और मत वेधो ह्रदय वह्रि के शर से,
भरो भुवन का अंग कुंकुम से, कुसुम से, केसर से?
कुंकुम? लेपूं किसे? सुनाऊँ किसको कोमल गान?
तड़प रहा आँखों के आगे भूखा हिन्दुस्तान.
फूलों के रंगीन लहर पर ओ उतरनेवाले!
ओ रेशमी नगर के वासी! ओ छवि के मतवाले!
सकल देश में हालाहल है, दिल्ली में हाला है,
दिल्ली में रौशनी, शेष भारत में अंधियाला है.
मखमल के पर्दों के बाहर, फूलों के उस पार,
ज्यों का त्यों है खड़ा, आज भी मरघट-सा संसार.
वह संसार जहाँ तक पहुँची अब तक नहीं किरण है
जहाँ क्षितिज है शून्य, अभी तक अंबर तिमिर वरण है
देख जहाँ का दृश्य आज भी अन्त:स्थल हिलता है
माँ को लज्ज वसन और शिशु को न क्षीर मिलता है
पूज रहा है जहाँ चकित हो जन-जन देख अकाज
सात वर्ष हो गये राह में, अटका कहाँ स्वराज?
अटका कहाँ स्वराज? बोल दिल्ली! तू क्या कहती है?
तू रानी बन गयी वेदना जनता क्यों सहती है?
सबके भाग्य दबा रखे हैं किसने अपने कर में?
उतरी थी जो विभा, हुई बंदिनी बता किस घर में
समर शेष है, यह प्रकाश बंदीगृह से छूटेगा
और नहीं तो तुझ पर पापिनी! महावज्र टूटेगा
समर शेष है, उस स्वराज को सत्य बनाना होगा
जिसका है ये न्यास उसे सत्वर पहुँचाना होगा
धारा के मग में अनेक जो पर्वत खड़े हुए हैं
गंगा का पथ रोक इन्द्र के गज जो अड़े हुए हैं
कह दो उनसे झुके अगर तो जग मे यश पाएंगे
अड़े रहे अगर तो ऐरावत पत्तों से बह जाऐंगे
समर शेष है, जनगंगा को खुल कर लहराने दो
शिखरों को डूबने और मुकुटों को बह जाने दो
पथरीली ऊँची जमीन है? तो उसको तोड़ेंगे
समतल पीटे बिना समर कि भूमि नहीं छोड़ेंगे
समर शेष है, चलो ज्योतियों के बरसाते तीर
खण्ड-खण्ड हो गिरे विषमता की काली जंजीर
समर शेष है, अभी मनुज भक्षी हुंकार रहे हैं
गांधी का पी रुधिर जवाहर पर फुंकार रहे हैं
समर शेष है, अहंकार इनका हरना बाकी है
वृक को दंतहीन, अहि को निर्विष करना बाकी है
समर शेष है, शपथ धर्म की लाना है वह काल
विचरें अभय देश में गाँधी और जवाहर लाल
तिमिर पुत्र ये दस्यु कहीं कोई दुष्काण्ड रचें ना
सावधान हो खड़ी देश भर में गाँधी की सेना
बलि देकर भी बलि! स्नेह का यह मृदु व्रत साधो रे
मंदिर औ’ मस्जिद दोनों पर एक तार बाँधो रे
समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध
जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध।
2. हमारे कृषक
जेठ हो कि हो पूस, हमारे कृषकों को आराम नहीं है
छूटे कभी संग बैलों का ऐसा कोई याम नहीं है
मुख में जीभ शक्ति भुजा में जीवन में सुख का नाम नहीं है
वसन कहाँ? सूखी रोटी भी मिलती दोनों शाम नहीं है
बैलों के ये बंधू वर्ष भर क्या जाने कैसे जीते हैं
बंधी जीभ, आँखें विषम गम खा शायद आँसू पीते हैं
पर शिशु का क्या, सीख न पाया अभी जो आँसू पीना
चूस-चूस सूखा स्तन माँ का, सो जाता रो-विलप नगीना
विवश देखती माँ आँचल से नन्ही तड़प उड़ जाती
अपना रक्त पिला देती यदि फटती आज वज्र की छाती
कब्र-कब्र में अबोध बालकों की भूखी हड्डी रोती है
दूध-दूध की कदम-कदम पर सारी रात होती है
दूध-दूध औ वत्स मंदिरों में बहरे पाषान यहाँ है
दूध-दूध तारे बोलो इन बच्चों के भगवान कहाँ हैं
दूध-दूध गंगा तू ही अपनी पानी को दूध बना दे
दूध-दूध उफ कोई है तो इन भूखे मुर्दों को जरा मना दे
दूध-दूध दुनिया सोती है लाऊँ दूध कहाँ किस घर से
दूध-दूध हे देव गगन के कुछ बूँदें टपका अम्बर से
हटो व्योम के, मेघ पंथ से स्वर्ग लूटने हम आते हैं
दूध-दूध हे वत्स! तुम्हारा दूध खोजने हम जाते हैं।
3. शक्ति और क्षमा
क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल
सबका लिया सहारा
पर नर व्याघ्र सुयोधन तुमसे
कहो, कहाँ, कब हारा?
क्षमाशील हो रिपु-समक्ष
तुम हुए विनत जितना ही
दुष्ट कौरवों ने तुमको
कायर समझा उतना ही।
अत्याचार सहन करने का
कुफल यही होता है
पौरुष का आतंक मनुज
कोमल होकर खोता है।
क्षमा शोभती उस भुजंग को
जिसके पास गरल हो
उसको क्या जो दंतहीन
विषरहित, विनीत, सरल हो।
तीन दिवस तक पंथ मांगते
रघुपति सिन्धु किनारे,
बैठे पढ़ते रहे छन्द
अनुनय के प्यारे-प्यारे।
उत्तर में जब एक नाद भी
उठा नहीं सागर से
उठी अधीर धधक पौरुष की
आग राम के शर से।
सिन्धु देह धर त्राहि-त्राहि
करता आ गिरा शरण में
चरण पूज दासता ग्रहण की
बँधा मूढ़ बन्धन में।
सच पूछो, तो शर में ही
बसती है दीप्ति विनय की
सन्धि-वचन संपूज्य उसी का
जिसमें शक्ति विजय की।
सहनशीलता, क्षमा, दया को
तभी पूजता जग है
बल का दर्प चमकता उसके
पीछे जब जगमग है।
4. कलम या कि तलवार
दो में से क्या तुम्हे चाहिए कलम या कि तलवार
मन में ऊँचे भाव कि तन में शक्ति विजय अपार
अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे मीठे गान
या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर का मैदान
कलम देश की बड़ी शक्ति है भाव जगाने वाली,
दिल की नहीं दिमागों में भी आग लगाने वाली
पैदा करती कलम विचारों के जलते अंगारे,
और प्रज्वलित प्राण देश क्या कभी मरेगा मारे
एक भेद है और वहां निर्भय होते नर -नारी,
कलम उगलती आग, जहाँ अक्षर बनते चिंगारी
जहाँ मनुष्यों के भीतर हरदम जलते हैं शोले,
बादल में बिजली होती, होते दिमाग में गोले
जहाँ पालते लोग लहू में हालाहल की धार,
क्या चिंता यदि वहाँ हाथ में नहीं हुई तलवार।
5. रोटी और स्वाधीनता
आजादी तो मिल गई, मगर, यह गौरव कहाँ जुगाएगा ?
मरभुखे ! इसे घबराहट में तू बेच न तो खा जाएगा ?
आजादी रोटी नहीं, मगर, दोनों में कोई वैर नहीं,
पर कहीं भूख बेताब हुई तो आजादी की खैर नहीं।
हो रहे खड़े आजादी को हर ओर दगा देनेवाले,
पशुओं को रोटी दिखा उन्हें फिर साथ लगा लेनेवाले।
इनके जादू का जोर भला कब तक बुभुक्षु सह सकता है ?
है कौन, पेट की ज्वाला में पड़कर मनुष्य रह सकता है ?
झेलेगा यह बलिदान ? भूख की घनी चोट सह पाएगा ?
आ पड़ी विपद तो क्या प्रताप-सा घास चबा रह पाएगा ?
है बड़ी बात आजादी का पाना ही नहीं, जुगाना भी,
बलि एक बार ही नहीं, उसे पड़ता फिर-फिर दुहराना भी।
BIHAR
मोदी सरनेम मामले में अभी फंसे रहेंगे राहुल गांधी! अगले माह पटना सीजेएम कोर्ट में भी होगी सुनवाई

सूरत के जिला कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम वाले आपराधिक मानहानि मामले में 2 साल कैद की सजा सुनाई। हालांकि बाद में राहुल गांधी को कोर्ट से जमानत भी मिल गई। लेकिन राहुल गांधी पर कई और मामले दर्ज हैं, जिन पर अभी फैसला आना बाकी है।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने इसी कड़ी में बताया कि उन्होंने मोदी सरनेम वाले सभी लोगों को चोर बताने वाले राहुल गांधी के अमर्यादित बयान के विरुद्ध पटना के सीजेएम कोर्ट में मामला दर्ज करा रखा है। अगर इसमें भी सूरत की अदालत की तरह सजा सुनाई गई तो राहुल गांधी की मुश्किलें और बढ़ जाएगी। उनकी संसद सदस्यता जा सकती है।
मालूम हो कि सूरत में भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत राहुल गांधी पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। उनके ऊपर एक समुदाय की भावना को आहत करने का आरोप लगा था। जिस मामले में उन्हें कोर्ट ने 2 साल कैद की सजा सुनाई। वहीं सुशील मोदी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मोदी सरनेम वाले लाखों लोगों ने राहुल गांधी के इस अमर्यादित टिप्पणी से अपमानित महसूस किया। उन्होंने कहा कि मेरे मामले में वो जमानत ले चुके हैं लेकिन अगले महीने गवाही देने के लिए उन्हें पटना सीजेएम कोर्ट में मौजूद रहना पड़ सकता हैं।
MUZAFFARPUR
मुजफ्फरपुर : स्वास्थ्य अधिकारी शराब के नशे में गिरफ्तार

जिला स्वास्थ्य समिति में कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी राजेश झा को शराब के नशे में सदर अस्पताल स्थित उसके कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया गया। उत्पाद विभाग की टीम ने गुरुवार शाम पांच बजे कार्रवाई की। ब्रेथ एनालाइजर से जांच में शराब पीने की पुष्टि हुई। वह मूलरूप से कटिहार का रहने वाला है।
उत्पाद निरीक्षक अभिनव कुमार ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सूचना मिली थी कि राजेश झा अपने कार्यालय में शराब के नशे में है। इसके बाद जांच टीम ने राजेश को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। उधर, गिरफ्तारी के बाद सदर अस्पताल में हड़कंप मच गया। उत्पाद विभाग को जानकारी मिली थी कि आरोपित हमेशा शराब का सेवन कर ड्यूटी करता है।पिछले साल जुलाई में ही उसकी यहां तैनाती हुई थी। वहीं, सीएस डॉ. यूसी शर्मा ने बताया कि इस मामले में क्या विभागीय कार्रवाई हो सकती है इसकी जानकारी ली जा रही है।
Source : Hindustan
BIHAR
निर्माण विभाग में 1500 पदों पर होगी बंपर बहाली, जेई से लेकर माली तक के पोस्ट

भवन निर्माण विभाग में 551 सहायक-जूनियर इंजीनियरों और एक हजार माली की बहाली होगी। मंत्री अशोक चौधरी ने गुरुवार को विधानसभा में इसकी घोषणा की। वह विभाग के वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट पर हुए वाद-विवदा के बाद सरकार का उत्तर दे रहे थे। भाजपा सदस्यों के वॉकआउट के बीच 4721 करोड़ 47 लाख के बजट को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
मंत्री ने कहा कि 2077 करोड़ की लगत से 29 जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेजों का भवन का निर्माण पूरा कर लिया गया है। बक्सर और आरा इंजीनियरिंग कॉलेज का भवन इसी साल अगस्त तक तैयार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में उच्च गुणवत्ता वाले भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। साथ ही भवनों के बेहतर रख-रखाव भी सुनिश्चत की जा रही है। इस कार्य में आईआईटी पटना, एनआईटी पटना और बीआईटी मेसरा के साथ मिलकर विभाग कार्य कर रहा है। मंत्री के कहा कि आजादी के बाद पहली बार पिछले 18 वर्षों में बिहार में महत्वाकांक्षी और सिग्नेचर भवनों का निर्माण कर राज्य ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है। इन भवनों में समग्रा अशोक कन्वेंशन केंद्र, बापू सभागार, ज्ञान भवन एवं सभ्यता द्वार, अंतर्राष्ट्रीय बिहार संग्रहालय, अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर (राजगीर), सरदार पटेल भवन तथा दिल्ली के द्वारका में बिहार सदन आदि प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में कई ऐसी योजनाएं शुरू की गई, जिनका अनुकरण बाद में केंद्र सरकार समेत कई राज्यों ने किया है। मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग की योजनाओं के तहत 28 जगहों पर 720-720 क्षमता वाले आवासीय विद्यालय का निर्माण और 14 जगहों पर पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा विभाग के 520-520 क्षमता वाले आवासीय विद्यालय भवन का निर्माण कराया जा रहा है। सारे भवन भूकंपरोधी बनाये जा रहे हैं।
Source : Hindustan
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