बुजुर्ग और महिला कर्मचारियों की कोरेन्टीन सेंटर पर ड्यूटी लगने से बढ़ रही परेशानी और स्वास्थ के प्रति चिंता.

कोरोना के संकट में प्रवासियों के लौटने के वजह से बिहार सरकार ने उन्हें कोरेन्टीन सेंटर में ऱखने की व्यवस्था की है. दिन प्रतिदिन बाहर से आने वाले लोगो की संख्या बढ़ने से सरकार ने कोरेन्टीन सेंटर की भी व्यवस्था बढ़ाई है ,ऐसे में सरकार ने सरकारी कर्मचारीयो को कोरेन्टीन सेंटर के देखरेख की ड्यूटी पर लगाया है, लेक़िन ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों में 50 वर्ष से अधिक उम्र के महिलाओं को भी प्रशासन ने ड्यूटी पर लगा दिया है, ऐसे में बहुत सरकारी कर्मचारी महिलाओं को परेशानी का भी सामना कर रहा है.

गौरतलब है कि कोरोना माहमारी से सबसे अधिक ख़तरा बुजुर्गों को ही है. विश्व स्वास्थ संगठन ने भी जारी गाइडलाइन में बुजुर्गों को अधिक सावधान रहने के लिये कहा है, ऐसे में सरकार द्वारा बुजुर्गों को कोरेन्टीन सेंटर के ड्यूटी पर लगाना बेहद असवेंदनशील कदम है. 50 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों को प्रशासन द्वारा कोरेन्टीन सेंटर के ड्यूटी में लगाए जाने से परहेज करना चहिये क्योंकि कोरोना बीमारी के मरीज़ो का सबसे अधिक खतरा कोरेन्टीन सेंटर में ही है.

कोरेन्टीन सेंटर में अन्य राज्य से आये लोग को ही रखा जा रहा है, उनमें ही अधिक पॉजिटिव मरीज़ मिल रहे है ऐसे में ड्यूटी में लगे बुजुर्ग कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और वो अपने स्वास्थ को लेकर अधिक चिंतित है.

सरकार की जवाबदेही है कि वो अपने कर्मचारियों की देखरेख करे और उनके स्वास्थ का ध्यान रखे ऐसे में ड्यूटी पर लगाये गए 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगो को कोरेन्टीन सेंटर के ड्यूटी से दूर रखना चाहिये.

अभिषेक रंजन, मुजफ्फरपुर में जन्में एक पत्रकार है, इन्होंने अपना स्नातक पत्रकारिता...