भारत इस समय कोरोना की दूसरी लहर के बुरी तरह जूझ रहा है। ऐसे में सभी राज्य इसको लेकर अलग-अलग रणनीतियां अपना रहे हैं। देश के कई जिलों और राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति है। इस बीच आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने सलाह दी है कि जिन भी जिलों में कोरोना संक्रमण की दर 10% से अधिक है उन्हें 6 से 8 सप्ताह के लिए लॉकडाउन लगाने की जरूरत है।

भार्गव ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था किकि देश में कोरोना संक्रमण की दर 21% है। 734 में से 310 जिलों में ये दर, देश में कोरोना संक्रमण की दर के या तो बराबर है या उससे ज्यादा है।

यह पूछे जाने पर कि क्या युवा आवादी ज्यादा प्रभावित हो रही है, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों की तुलना यह दिखाती है कि उम्र का ज्यादा अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि 40 साल से ज्यादा उम्र के लोग प्रतिकूल प्रभावों के लिहाज से ज्यादा संवेदनशील हैं। डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि हमने पाया है कि युवा लोग थोड़े ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं क्योंकि वे बाहर गए और देश में कोरोना वायरस के कुछ पहले से मौजूद स्वरूप भी हैं, जो उन्हें प्रभावित कर रहे हैं। भारत कोरोना वायरस संक्रमण की विकराल दूसरी लहर का सामना कर रहा है। हर दिन करीब औसतन चार लाख मामले सामने आ रहे हैं।

सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में कोविड-19 के दैनिक मामलों और मौत के आंकड़ों में शुरुआती कमी देखी जा रही है, हालांकि कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पंजाब उन 16 राज्यों में शामिल हैं जहां दैनिक मामलों में लगातार बढ़ोतरी अब भी नजर आ रही है। सरकार के मुताबिक महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश और तेलंगाना उन 18 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं, जहां कोविड-19 संक्रमण के दैनिक मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।

Input: Daily Bihar

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