पार्ट टू के रिजल्ट व अंकाें की हेराफेरी में पुलिस जांच में फंसे तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक का नाम तक 6 माह की जांच में पुलिस नहीं जान सकी है। सुपरविजन रिपाेर्ट में तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक समेत 9 की गिरफ्तारी का अादेश दिया गया है। जबकि नामजद अाराेपी प्राे. धर्मेंद्र चाैधरी के खिलाफ जांच का अादेश दिया है। तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक समेत 9 लाेगाें की गिरफ्तारी के अादेश ने रिजल्ट हेराफेरी में फंसे अधिकारियाें की बेचैनी बढ़ा दी है। सिटी एसपी की सख्ती के बाद पूरे मामले में अभियुक्त बने ज्यादातर चेहरा भूमिगत हाे गए हैं। अग्रिम जमानत की तैयारी में कानूनी सलाह ली जा रही है ताकि पुलिस गिरफ्तारी के पहले अग्रिम जमानत की गुंजाइश बन सके। सिटी एसपी ने जांच अधिकारी काे टीअार रजिस्ट्रर के कस्टाेडियन की कुंडली खंगालने का भी अादेश दिया है ताकि यह पता चल सके कि कस्टाेडियन की जवाबदेही किन-किन लाेगाें के जिम्मे हैं। टैबुलेशन कार्य किस तरह से हाेता है, इस बिंदु पर भी गंभीरता से सिटी एसपी ने जांच का अादेश दिया है। साथ ही उन लाेगाें की सूची के संबंध में भी जानकारी ली गई है कि क्या टैबुलेशन स्थल पर जाने वाले लाेगाें की सूची निर्गत की गई थी। टाउन डीएसपी काे सिटी एसपी ने पूरे मामले की माॅनिटरिंग करने की जवाबदेही साैंपी है। रजिस्ट्रार कर्नल अजय कुमार ने जांच के बाद 7 लाेगाें के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक का नाम शामिल नहीं था। पुलिस जांच में तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक काे दाेषी करार दिया गया। हालांकि तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक का नाम का खुलासा सुपरविजन में नहीं हाे सका है।
Input : Dainik Bhaskar