हिंदू पंचांग के अनुसार दोनों हर माह के पक्षों की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी का व्रत किया जाता है। इस बार 9 मार्च 2021 दिन मंगलवार को फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। इसे विजया एकादशी कहा जाता है। यदि एकादशी तिथि मंगलवार को पड़े तो इसका बहुत महत्व माना जाता है। मंगलवार का दिन जहां हनुमान जी को समर्पित किया जाता है,तो वहीं एकादशी की तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करना का विधान है।
मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ ही हनुमान जी की पूजा करने से जातक के सभी संकटों का समाधान होता है और जीवन में सुखों की प्राप्ति होती है। यह एकादशी व्यक्ति को हर तरह के संकटों से छुटकारा दिलाती है और मनुष्य को हर कार्य में विजय प्राप्त होती है। यही कारण है कि इसे विजया एकादशी कहते हैं। तो चलिए जानते हैं कि किस तरह से हनुमान जी और भगवान विष्णु की पूजा करके आप जीवन की समस्याओं से मुक्त प्राप्त कर सकते हैं।
इस तरह से करें पूजा
एकादशी तिथि को प्रात: काल सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि करने के बाद पूजा व्रत का संकल्प लें और पूजा आरंभ करें।
भगवान विष्णु की विधिवत् पूजा करें, पूजा संपन्न करने के बाद आरती करें।
एकादशी व्रत का महातम्य पढ़ने के बाद, विष्णु जी की कृपा प्राप्त करने के लिए इन मंत्रों का जाप करें।
शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।
विश्वाधारं गगनसद्श्र्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिध्र्यान नग्म्य्म।
ॐ नमो: नारायणाय
ॐ नमो: भगवते वासुदेवाय।
मंगलवार होने के कारण इस दिन हनुमान जी की आराधना करने से आप शनिदेव की कृपा भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही विष्णु जी के पूजन से भी नवग्रह शांत होते हैं। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके साथ ही सुंदरकांठ का पाठ करना भी शुभफलदायी रहता है।
इस दिन भूलकर भी न करें ये काम
- भगवान विष्णु और हनुमान जी दोनों ही देवों की पूजा में तन के साथ मन की स्वच्छता का ध्यान रखना सबसे ज्यादा आवश्यक होता है।
- इस दिन भूलकर भी किसी की निंदा न करें किसी को अपशब्द न बोलें।
- अपने मन में किसी के लिए भी दुर्भावना न लाएं।
- एकादशी और मंगलवार एक साथ होने के कारण इस दिन का धार्मिक महत्व और भी अधिक हो जाता है, भूलकर भी इस दिन मांस-मदिरा का सेवन न करें।