मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों में लगातार बारिश और जलजमाव के कारण सर्पदंश के मामले काफी बढ़े हैं। चार दिनों में प्रभात तारा अस्पताल में मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, शिवहर, पूर्वी व पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सिवान, दरभंगा, वैशाली और सीतामढ़ी जिलाें से सर्पदंश के 292 मामले आए हैं। इनमें 13 की मौत हाे गई।

प्रभात तारा अस्पताल के इंचार्ज सिस्टर ग्लोडिस ने कहा कि सोमवार को 75 केस सर्पदंश के आए। इनमें तीन की मौत हो गई है। साथ ही उन्होंने बताया कि रविवार को 60 केस आये थे जिसमें 3 की मौत इलाज के दौरान हो गई। सर्पदंश के सबसे अधिक मामले शिवहर और फिर मुजफ्फरपुर व वैशाली से आ रहे हैं। शिवहर की यास्मीन परवीन के 5 साल के इकलौते पुत्र को सोमवार की सुबह दुकान से लौटते समय सांप डंस लिया। वह भी प्रभात तारा अस्पताल में भर्ती है।

सीएस का दावा- सभी पीएचसी में उपलब्ध हैं सर्पदंश की दवा सूई

सदर अस्पताल और अधिकतर पीएचसी में एंटीटाॅक्सिन/एंटीविनाेम इंजेक्शन उपलब्ध हैं। बंदरा पीएचसी में 50, मड़वन में 25, साहेबगंज में 24, पारू में 30, सकरा में 40 वायल, कांटी में 7 वायल और मुशहरी में में भी इंजेक्शन उपलब्ध है। सरैया में इंजेक्शन एक्सपायर हो चुकी। बाढ़ग्रस्त प्रखंड औराई में इंजेक्शन नहीं है। यहां से पीड़ित 30-40 किलोमीटर दूर प्रभात तारा अस्पताल आते हैं या नीम-हकीम के पास जाना पड़ता है। उधर, सरैया के रेवा अंबरा और खबड़ा में पत्थर एक्युप्रेशर पद्धति से इलाज किया जाता है। इधर, सिविल सर्जन का दावा है कि सभी प्रखंडों में एंटीटाॅक्सिन इंजेक्शन उपलब्ध हैं।

Input: Dainik Bhaskar

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