प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के नए संसद भवन (New Parliament Building) का भूमि पूजन किया और पहली नींव रखी. इस समारोह में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, केंद्रीय मंत्री और कई देशों के राजदूत शामिल हुए. चार मंजिला नए संसद भवन का निर्माण 971 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 64,500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में किए जाने का प्रस्ताव है. इसका निर्माण कार्य भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ तक पूरा कर लिया जाएगा.
हर संसद सदस्य को फिर से बनाए जा रहे श्रम शक्ति भवन में कार्यालय के लिए 40 वर्ग मीटर स्थान उपलब्ध कराया जाएगा जिसका निर्माण 2024 तक पूरा किया जाएगा. नए संसद भवन के निर्माण का प्रस्ताव उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने क्रमशः राज्यसभा और लोकसभा में 5 अगस्त 2019 को किया था .
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संसद का नया भवन 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में होगा और इसके निर्माण पर कुल 971 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है.
संसद की नई इमारत भूकंप रोधी क्षमता वाली होगी और इसके निर्माण में 2000 लोग सीधे तौर पर शामिल होंगे तथा 9000 लोगों की परोक्ष भागीदारी होगी.
नए संसद भवन में 1224 सांसद एकसाथ बैठ सकेंगे और मौजूदा श्रम शक्ति भवन (संसद भवन के निकट) के स्थान पर दोनों सदनों के सांसदों के लिए कार्यालय परिसर का निर्माण कराया जाएगा.
संसद के वर्तमान भवन को देश की पुरातात्त्विक संपत्ति के तौर पर संरक्षित रखा जाएगा. नए भवन के निर्माण की आधारशिला संबंधी कार्यक्रम के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है.
नियमों के मुताबिक, लोकसभा का अध्यक्ष संसद भवन का संरक्षक भी होता है. नए भवन के निर्माण के दौरान वायु एवं ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं.
नए संसद भवन में सभी सांसदों के लिए अलग कार्यालय होंगे जो आधुनिक डिजिटल सुविधाओं से युक्त होंगे तथा यह ‘कागज रहित कार्यालय’ बनाने की दिशा में कदम होगा. नए संसद भवन में एक विशाल संविधान कक्ष होगा, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा. इसके साथ ही सांसदों के लिए एक लॉन्ज होगा. उनके लिए पुस्तकालय, विभिन्न समितियों के कक्ष, भोजन कक्ष और पार्किंग क्षेत्र होगा.
इस भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्य बैठ सकेंगे. यह भविष्य में दोनों सदनों के सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी किए जाने की संभावना को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है.
मौजूदा में समय में लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 245 सदस्य हैं. गत सितंबर महीने में 861.90 करोड़ रुपये की लागत से नए संसद भवन के निर्माण का ठेका टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को मिला था. यह नया भवन सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत है और इसे वर्तमान संसद भवन के नजदीक बनाया जाएगा.
लोकसभा का आकार वर्तमान लोकसभा से तीन गुना बड़ा होगा और राज्यसभा भी वर्तमान उच्च सदन से बड़ी होगी. नए भवन की आंतरिक साज सज्जा भारतीय संस्कृति के साथ क्षेत्रीय कला, शिल्प और स्थापत्यकला का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करेगी.
वर्तमान संसद भवन के निकट बनने वाला नया संसद भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस तथा ऊर्जा के दक्ष उपयोग और इसके संरक्षण को बढ़ावा देने वाला होगा. त्रिकोणात्मक आकार का नया संसद भवन सुरक्षा की दृष्टि से भी अभेद होगा.
सरकार ने कहा है कि संसद का नया भवन 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य पर नए भारत की जरूरतों और आकांक्षाओं के अनुरूप होगा.
Source : News18