मुजफ्फरपुर : राज्य में जीएसटी बिल के सामान लदे वाहनों के माध्यम से शराब की खेप मंगाई जा रही है। रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि कुछ मालवाहक वाहनों में शराब लदी होती है, मगर इसमें दूसरे सामान का जीएसटी बिल होता है। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद राज्य में शराब का परिचालन रोकने को लेकर पिछले दिनों मुख्य सचिव की समीक्षा बैठक में यह मामला सामने आया। इसके बाद सरकार अलर्ट हो गई है। शराब के अवैध परिवहन को रोकने के लिए तीन विभागों की संयुक्त कार्रवाई की रणनीति तैयार की गई है। उत्पाद के साथ वाणिज्यकर एवं परिवहन विभाग मिलकर अभियान चलाएगा। सप्ताह में दो दिन चलंत वाहनों की चेकिंग की जाएगी। रणनीति तैयार होने के बाद परिवहन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने सभी डीएम, एसएसपी और एसपी को पत्र जारी किया है। इसमें उक्त तीनों विभाग को संयुक्त रूप से सप्ताह में दो दिन कार्रवाई करने को कहा गया है। जांच या छापेमारी की कार्ययोजना उत्पाद अधीक्षक बनाएंगे। जिला परिवहन पदाधिकारी अभियान में एमवीआइ व प्रवर्तन अवर निरीक्षक की उपलब्धता सुनिश्चित कराएंगे। अभियान के ही दिन राज्य परिवहन आयुक्त को डीटीओ रिपोर्ट देंगे।

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केके पाठक ने भी जारी किए निर्देश उत्पाद, मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने भी मुख्य सचिव की बैठक के बाद डीएम, एसएसपी व एसपी को पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि सभी जिले विशेषकर सीमावर्ती जिलों में ऐसे वाणिज्यिक वाहनों की तलाशी ली जाए जो परोक्ष रूप से अन्य सामान की जीएसटी का बिल रखते हैं। अपरोक्ष रूप से उनमें शराब मिलती है। ऐसा मामला सामने आने पर जीएसटी बिल एवं ई-वे बिल की कापी जमा कर संबंधित पुलिस या मद्य निषेध पदाधिकारी जिले के वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी को सूचना दे। इसके बाद आगे की छानबीन उनके स्तर से हो सके। तीनों विभागों के संयुक्त अभियान के दौरान पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध रहे।

Source : Dainik Jagran

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