मुजफ्फरपुर के कांटी स्थित पठान टोली का मो. साबिर (06) जिंदगी की जंग हार गया। चार दिन तक लड़ने के बाद शुक्रवार की दोपहर पीएमसीएच की आईसीयू में उसने अंतिम सांस ली। देर शाम उसका शव पठानटोली स्थित आवास पहुंचा। शव से लिपटकर मां गुड़ी व परिवार की महिलाएं रोने-बिलखने लगीं। पूरे मोहल्ले में मातम पसर गया।

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लाचार पिता फूल मोहम्मद एक ओर अकेले बैठकर खुद को कोसते मिले। उन्होंने कहा कि गरीबी ने उनके बच्चे की जान ले ली। पैसा होता तो किसी बड़े अस्पताल में उसका इलाज कराते। इससे उसकी जान बच सकती थी। पीएमसीएच में उसका बेहतर इलाज नहीं हो सका। डॉक्टर सिर्फ सुधार होने का आश्वासन देते रहे। मोहल्ला वालों ने चंदा कर पटना भेजा था, लेकिन उनकी दुआएं भी काम नहीं आयीं। मालूम हो कि पांच अप्रैल को एनएच-28 पर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के सामने अज्ञात वाहन ने मो. साबिर को रौंद दिया था। वह लहूलुहान तड़पता रहा। आधा घंटा बाद दामोदरपुर के कुछ युवकों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। वहां से बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया था। मोहल्लावासियों ने 25 हजार चंदा कर पटना भेजा था। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। सैयद अली उर्फ लिटिल ने बताया कि वे कांटी थाना और जिला प्रशासन को आवेदन देंगे। डीएसपी वेस्ट अभिषेक आनंद ने बताया कि कानून के तहत पूरी प्रक्रिया की जाएगी। पीएमसीएच में परिजन के फर्द बयान की कॉपी आने पर मुआवजा भी दिलाया जाएगा।

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अत्यधिक खून निकलने से गई जान : वाहन की चपेट में आने साबिर का खून अधिक निकल गया था। सिर में गंभीर चोट की वजह से खून का थक्का जम गया था। डॉक्टर के पास ऑपरेशन के अलवा कोई विकल्प नहीं था, लेकिन शरीर में खून की कमी से डॉक्टर उसका ऑपरेशन नहीं कर पा रहे थे।

Source : Hindustan

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