सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार की टक्कर के समय एयरबैग नहीं खुलना, दंडात्मक मुआवजा का कारण होगा। कंपनी को इसमें उपभोक्ता को मुआवजा देना ही देना होगा।

जस्टिस विनीत सरन की पीठ ने शुक्रवार को फैसले में कहा, उपभोक्ता गति और बल के सिद्धांतों के आधार पर टकराव के प्रभाव की गणना करने के लिए नहीं है। अदालत ने ये टिप्पणी हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड द्वारा दायर अपील को खारिज करते हुए की। राष्ट्रीय आयोग ने दिल्ली उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें हुंडई क्रेटा के एयरबैग न खुलने पर दुर्घटना के समय सिर, छाती व दांतों में चोट लगने वाले उपभोक्ता को मुआवजा देने का निर्देश दिया गया था।

Source : Hindustan

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