प्रखंड का सबसे बड़ा शर्फुद्दीनपुर गुदरी बाजार (गोपालपुर गोपाल हाट) में अतिक्रमण पर बुलडोजर चलेगा। अबतक 265 अवैध दुकानों को चिह्नित किया गया है। सभी को अतिक्रमण हटाने का नोटिस भी दिया जा चुका है। सर्वे का काम पूरा होते ही अतिक्रमण हटाया जाएगा।
सीओ वीरेंद्र प्रसाद वर्मा ने बताया कि सर्वे के अनुसार खाता 298, खेसरा 417 में सैरात गोपालपुर गोपाल हाट का रकबा 4 एकड़ 17 डिसमिल है। सरकारी खाते में यह खाली जमीन है जिस पर छोटे मध्यम कृषक व व्यापारी अपनी नकदी फसल व सब्जी, किराना, मछली, कपड़े आदि की दैनिक दुकान लगाकर बेचते हैं और हर रोज घर जाते समय बैठकी के रूप में पांच रुपये देते हैं। आधिकारिक तौर पर बाजार समिति द्वारा निर्मित तीन शेड है। अतिक्रणम की शिकायतों के बाद जब उक्त हाट का सर्वे किया तो पता चला कि 95 प्रतिशत हाट की जमीन अतिक्रमण का शिकार हो चुकी है, जिस पर 500 से ज्यादा अवैध रूप से निर्मित दुकाने हैं, जहां करोड़ों का कारोबार होता है। ऐसे दुकानदार भी प्रतिदिन य्पांच रुपये बैठकी ही देते हैं, यहीं नहीं दर्जनभर आवासीय मकान भी निर्मित हो चुके हैं।
एक व्यक्ति दस-दस दुकानों के मालिक
माफियागिरी इस कदर हावी है कि एक एक व्यक्ति पांच से 10 दुकानों का मालिक है और दूसरे से हजारों रुपये किराया वसूलता है। दुकान आवंटन के लिए पगरी अलग से ली जाती है। सीओ ने बताया कि अतिक्रमण खाली कर सब दुकानदारों के लिए बराबर आवंटन हो तो राजस्व 50 लाख से ऊपर जा सकता है। फिलहाल डाक के लिए गुदरी बाजार पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
पिछले वर्ष डाक में नहीं लगी बोली
हाट का 15 लाख तक में डाक होता था, लेकिन अतिक्रमण के कारण पिछले वर्ष कोई ठेकेदार नहीं मिला। अंचल प्रशासन ने सितंबर 2021 से लेकर मार्च 2022 तक स्वयं कर्मचारी रखकर वसूली कराई है, जो य्5 रुपये की दर से य्4,50,000 की वसूली हुई। इस बार न्यूनतम 11,78,520 रुपये बोली निर्धारित की गई है। जीएसटी मिलाकर लगभग 1300000 रुपये की बोली में इस बार कोई ठेकेदार रुचि दिखाता है या नहीं यह 28, 29 व 30 अप्रैल को निर्धारित डाक में पता चलेगा।
Source : Hindustan