प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में आज 7 कैंसर देखभाल केंद्रों का उदघाटन किया। दिग्‍गज इंडस्ट्रियलिस्‍ट टाटा ट्रस्ट्स के अध्यक्ष रतन टाटा टाटा इस मौके पर बेहद भावुक नजर आए। उन्‍होंने पहले तो हिंदी में न बोल पाने के लिए माफी मांगी और कहा, मैं हिंदी में भाषण नहीं दे सकता, इसलिए अंग्रेजी में बोलूंगा। कुछ देर अंग्रेजी में बोलने के बाद उन्होंने टूटी-फूटी ही सही लेकिन हिंदी में बोलने लगे। रतन टाटा ने कहा, ”संदेश एक ही होगा। मेरे दिल से निकला हुआ। मैं अपनी जिदंगी के आखिरी साल स्‍वास्‍थ्‍य को समर्पित करता हूं। असम को ऐसा राज्‍य बनाएं जो सबको पहचाने और जिसको सब पहचानें।” बता दें कि रतन टाटा जब अपनी बात रख रहे थे, तब मंच पर पीएम मोदी के अलाव असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्‍व सरमा, पूर्व सीएम सर्वानंद सोनोवाल भी मौजूद थे।

‘कैंसर अमीर लोगों का रोग नहीं’

रतन टाटा ने कहा कि असम में 17 कैंसर देखभाल केंद्रों का एक नेटवर्क सभी को कम खर्च पर उपचार उपलब्ध कराएगा क्योंकि यह (कैंसर) ‘अमीर लोगों का रोग’ नहीं है। इस तरह के सात केंद्रों के उद्घाटन के अवसर पर रतन टाटा ने कहा कि इन संस्थानों के कारण असम को विश्व स्तरीय उपचार मुहैया करने वाले राज्य के रूप में मान्यता मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘असम के इतिहास में आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। कैंसर के उपचार के लिए उच्चतर स्तर की स्वास्थ्य देखभाल सुविधा, जो अब तक राज्य में उपलब्ध नहीं थी वह यहां लाई गई है।’’ टाटा ने कहा, ‘‘असम यह अब कह सकता है कि भारत का एक छोटा राज्य भी विश्व स्तरीय कैंसर उपचार सुविधाओं से लैस है।’’

पीएम मोदी ने 7 कैंसर देखभाल केंद्रों का किया उद्घाटन

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सात कैंसर देखभाल केंद्रों का उदघाटन किया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान और इस तरह के और सात केंद्रों की आधारशिला भी रखी। इन केंद्रों का विकास राज्य सरकार और टाटा ट्रस्ट्स के संयुक्त उद्यम असम कैंसर केयर फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है। नेटवर्क के तहत अन्य तीन अस्पताल इस साल के अंत में खोले जाएंगे। परियोजना की आधारशिला जून 2018 में रखी गई थी। लकड़ी की धुआं युक्त आंच पर सेंके गये मांस, तंबाकू और सुपारी के उपभोग के चलते असम में कैंसर रोग की अधिक मौजूदगी है।

PM मोदी ने सोनोवाल और टाटा ट्रस्ट को दिया धन्यवाद

पीएम मोदी ने कहा, ”असम ही नहीं नॉर्थ ईस्ट में कैंसर एक बहुत बड़ी समस्या रही है। इससे सबसे अधिक प्रभावित हमारा गरीब होता है, मध्यम वर्ग का परिवार होता है। कैंसर के इलाज के लिए कुछ साल पहले तक यहां के मरीजों को बड़े-बड़े शहरों में जाना पड़ता था। इससे एक बहुत बड़ा आर्थिक बोझ गरीब और मिडिल क्लास परिवारों पर पड़ता था। गरीब और मिडिल क्लास की इस परेशानी को दूर करने के लिए बीते 5-6 सालों से जो कदम यहां उठाए गए हैं, उसके लिए मैं सर्बानंद सोनोवाल जी, हेमंता जी और टाटा ट्रस्ट को बहुत साधुवाद देता हूं।”

Source : India TV

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