मुजफ्फरपुर : बालिकागृह कांड में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे ब्रजेश ठाकुर पर शनिवार को पुलिस ने स्वाधार गृह कांड में चार्जशीट दाखिल की है। इसमें स्वाधार गृह में आवासित 11 महिलाएं और चार बच्चों को गायब कर देने का आरोप है। ब्रजेश पर पुलिस जांच में इस आरोप की पुष्टि की गई है। दाखिल चार्जशीट में आठ लोगों को गवाह बनाया गया है।

महिला थानेदार नीरू कुमारी ने ब्रजेश ठाकुर पर शनिवार को विशेष एससी-एसटी कोर्ट में चार्जशीट दायर की। पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि जांच में स्वाधार गृह के डॉ. आरएस ठाकुर, अधीक्षिका अफसाना खातून, सचिव रमेश कुमार, काउंसलर पूनम देवी और क्लर्क एके सिंह के खिलाफ भी साक्ष्य पाए गए हैं। इन पांचों की गिरफ्तारी के बाद अलग से पूरक चार्जशीट दायर की जाएगी। जिला बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश शर्मा समेत अन्य कर्मियों के खिलाफ स्वाधार गृह के नाम पर सरकारी फंड के गबन की छानबीन चल रही है। एसएसपी जयंतकांत ने बताया कि स्वाधार गृह कांड में ब्रजेश पर चार्जशीट दायर की गई है। वहअभी तिहाड़ में बंद है। अन्य को शीघ्र ही गिरफ्तार किया जायेगा।

इससे पहले महिला थाने की पुलिस ब्रजेश ठाकुर की राजदार साइस्ता परवीन उर्फ मधु, ब्रजेश ठाकुर के एक रिश्तेदार रामानुज ठाकुर और कृष्णा पर तीन साल पहले 16 जनवरी 2019 को चार्जशीट दायर कर चुकी है। इसमें रामानुज ठाकुर की मौत हो जाने की बात बताई जा रही है।

जांच में गायब मिले थे महिला व बच्चे

जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक दिवेश शर्मा ने 30 जुलाई 2018 को एफआईआर करवाई थी। जांच में स्पष्ट किया गया है कि बालिकागृह की तरह ही ब्रजेश ठाकुर की एनजीओ स्वाधार गृह का संचालन कर रही थी। दिवेश शर्मा ने एफआईआर में कहा है कि बालिका़गृह की जांच के बाद स्वाधार गृह में ताला लगा पाया गया। आवास में पहले से रह रहीं 11 महिलाएं और उनके चार बच्चों का कोई सुराग नहीं मिला।

Source : Hindustan

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