प्रखंड की औराई पंचायत भवन को तोड़कर बेच देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसका आरोप मुखिया व पंचायत सचिव पर लगाया गया। घटना सामने आने के बाद प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी गिरिजेश नंदन ने नोटिस जारी किया है। दो दिनों के अंदर दोनों से स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। दोनों की मिलीभगत से सरकारी संपत्ति को नष्ट करने, वित्तीय अनियमितता व वरीय पदाधिकारियों से सूचना छिपाने का आरोप लगाया गया है।

बताया गया कि औराई पंचायत भवन 15 वर्ष पूर्व बनना शुरू हुआ था। लेकिन उसका काम पूरा नहीं हो सका था। बाद में इसपर एस्बेस्टस चढ़ा दिया गया था। इस निर्माण की अनियमितता में एक कर्मचारी को जेल भी जाना पड़ा था। उसी भवन को अभी जेसीबी से तोड़कर मलबे को बेच दिया गया है।

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बीपीआरओ के पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बिना नीलामी के सरकारी भवन को निजी तौर पर तोड़ना व बेचना वित्तीय अनियमितता को दर्शाता है। बीपीआरओ पत्र में लिखा है कि शिकायत मिलने पर खुद स्थल जांच किया। इस क्रम में पाया कि बिना नीलामी के पंचायत भवन को तोड़कर बेच दिया गया है। इसकी रिपोर्ट जिला के वरीय अधिकारियों को भेजा जा रहा है।

पंचायत सचिव रामनरेश सहनी का फोन लगातार बंद आ रहा है। बीपीआरओ ने मामले में दोनों पर कार्रवाई की बात कही है।वहीं पंचायत के मुखिया उमाशंकर गुप्ता ने बताया कि औराई पंचायत भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था में था। कहीं भी बैठने की जगह नहीं थी। बीडीओ समेत अन्य पदाधिकारियों की सहमती से भवन तोड़ा गया है। उसी जगह सामुदायिक भवन बनेगा, जहां बैठ कर विकास को गति दी जायेगी।

इधर, बीडीओ महेश्वर पंडित ने मुखिया द्वारा सूचना देने से इनकार करते हुए कहा कि बिना नीलामी के सरकारी भवन को बेचना अपराध है। नियमसंगत कार्रवाई की जाएगी।

Source : Hindustan

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