बिहार में सरकारी नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा का एक बार फिर से बड़ा मामला सामने आया है. सचिवालय में माली की बहाली के नाम पर बेरोजगार युवकों से 5-5 लाख रुपए ठगे जाने की बात सामने आई है. ठगी के शिकार युवकों की मानें तो करीब 150 अभ्यर्थियो के साथ इस तरह का फर्जीवाड़ा हुआ है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब मंगलवार को माली की नौकरी के लिए इंटरव्यू देने वाले ज्वाइनिंग लेटर के साथ न्यू सचिवालय स्थित विकास भवन के भवन निर्माण विभाग में पहुंचे.
ज्वाइनिंग के पहले जमकर बवाल मचा और फिर उस शख्स को अभ्यर्थियों ने पकड़ा जो कैंडिडेट को इंटरव्यू के लिए बाहर से किसी अधिकारी के चेंबर में ले जा रहे थ. इस शख्स का नाम कौशलेंद्र बताया जाता है जो जहानाबाद का रहने वाला है. ठगी के शिकार युवकों की मानें तो 2019 में ही 1000 माली के लिए की बात सामने आई थी. विकास भवन में सभी अभ्यर्थियों से फॉर्म भरवाया गया था. कौशलेंद्र और एक रिश्तेदार ने मिलकर अब तक लाखों रुपए अभ्यर्थियों से लिए हैं. 17 मई को भी कुछ अभ्यर्थियों का इंटरव्यू भी लिया गया था.
अभ्यर्थियों ने कौशलेंद्र को बाकी के पैसे देने के लिए बुलाय था मगर इंदिरा भवन में पोस्टेड फूफा के माध्यम से जय सिंह को तब तक फर्जीवाड़े का पता चल गया. समस्तीपुर के रहने वाले एक युवक की मानें तो उसने भी नौकरी के लिए 5 लाख रुपए दिए थे. इसके बाद बताया गया कि तुम्हारी नौकरी लग गई है उसे एक फर्जी सर्विस बुक भी दिया गया था. उसका दावा है कि उसे बीपीएससी के एक सदस्य के आवास पर 22 अप्रैल से 26 मई तक काम भी करवाया गया. इसके बाद कह दिया गया कि नौकरी का कॉन्ट्रेक्ट खत्म हो गया.
इसके बाद है से ही वो बेहद परेशान है. सभी अभ्यर्थियों ने इसकी लिखित शिकायत सचिवालय थाने को दी है लेकिन अभ्यर्थियों का आरोप है कि सचिवालय थाना इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है. न्यूज 18 ने अभ्यर्थियों की यह पीड़ा जब पटना के एसएसपी मानव जीत सिंह ढिल्लो तक पहुंचाई तब एसएसपी ने भरोसा दिलाया है कि इस पूरे मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यह घटना उन बेरोजगार अभ्यर्थियों के लिए एक सबक है सरकारी नौकरी की चाहत में आंख मूंदकर पैसे के बल पर नौकरी पा लेने की हसरत रखते हैं. बहरहाल इस मामले में अब आगे क्या कुछ कानूनी कार्रवाई होती है यह जांच के बाद स्पष्ट हो पाएगा.
Source : News18