नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो गया। मेयर राकेश कुमार, डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला से लेकर तमाम वार्ड पार्षद अब निवर्तमान हो गये। चुनाव होने तक अब डीएम नगर निगम के प्रशासक होंगे। नगर आयुक्त प्रशासनिक कार्य का संचालन करेंगे। गुरुवार को मेयर, डिप्टी मेयर और पार्षदों को नगर निगम के कर्मचारियों के द्वारा समारोह आयोजित कर विदाई दी जाएगी। पांच साल में दो मेयर हुए, लेकिन दोनों की नगर आयुक्त से नहीं बनी। इस वजह से जनप्रतिनिधियों का समय विवादों में गुजरा। तत्कालीन मेयर सुरेश कुमार का तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश रंजन से बढ़िया बना तो इस अवधि में ऑटो टिपर और बहाली घोटाला हो गया।

पांच साल के कार्यकाल में कई उतार-चढ़ाव आए। गली-गली योजनाओं पर काम हुआ, लेकिन शहर से बाहर पानी निकासी के बड़े नालों के निर्माण का सपना अधूरा ही रह गया। पांच साल पहले जलजमाव को लेकर जो चिंता थी, आज भी शहरवासियों को वही चिंता सता रही है। नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री बनने के बाद सुरेश शर्मा ने अधिक फंड दिया। 300 करोड़ रुपये की योजनाओं पर गली-गली रोड नाला की योजना पर काम हुआ, लेकिन मुख्य सड़कें जर्जर रहीं।

इकलौता जुब्बा सहनी पार्क भी बेरौनक : शहर में एक भी टहलने की जगह नहीं है। जुब्बा सहनी पार्क, ऑडिटोरियम और सिटी पार्क को पांच साल में सुदृढ़ नहीं किया जा सका। फिलहाल इकलौता जुब्बा सहनी पार्क भी बेरौनक हो गया है। ऑडिटोरियम के सौंदर्यीकरण की डीपीआर बनी, लेकिन अब तक टेंडर नहीं निकल पाया।

शहरवासियों पर बढ़ गया टैक्स का बोझ

पांच साल की अवधि में नगर निगम पर विभाग की ओर से ट्रेड लाइसेंस शुल्क की सख्ती, यूजर चार्ज और पानी टैक्स का अतिरिक्त भार बढ़ा। शहर की 3.6 लाख की आबादी से 35 करोड़ सालाना टैक्स वसूली का डिमांड हो गया। प्रति व्यक्ति अब 120 रुपये टैक्स देना पड़ेगा। दूसरी ओर कोरोना काल में आमलोगों के प्रॉपर्टी टैक्स पर ब्याज माफ नहीं हुए, लेकिन विज्ञापन शुल्क वसूल रही कंपनी को 70 लाख रुपये की छूट मिल गयी।

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मुझे छह माह का समय मिला। शहरवासियों के हित के लिए नगर आयुक्त से लगातार झंझट में ही कार्यकाल गुजरा। ट्रेड लाइसेंस शुल्क, यूजर चार्ज और पानी पर टैक्स को निरस्त करने के लिए संघर्ष किया, अब कोर्ट जाएंगे। मेरे कार्यकाल में प्रत्येक वार्ड में पांच-पांच लाख की योजना से काम हुआ।– राकेश कुमार, निवर्मतान मेयर

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मेरे कार्यकाल में जितने काम हुए, उतने किसी मेयर के कार्यकाल में नहीं हुए। 300 करोड़ से गली-गली सड़क नाला व 98 करोड़ रुपये से नल जल योजना पर काम हुए। 16 हजार स्ट्रीट लाइट लगी। नगर विकास के निर्देश पर यूजर चार्ज को बोर्ड से स्वीकृति मिली।

Source : Hindustan

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