लखनऊ में एक 16 साल का लड़का, आधी रात को उठता है और अपनी मां के सिर में गोली मार देता है. मां की हत्या करने के बाद वो मां के शव को कमरे में बंद कर देता है और खुद अपने दोस्तों के साथ पार्टी करता है, क्रिकेट खेलता है, फिल्में देखता है, कत्ल को लेकर तरह तरह की कहानियां गढ़ता है, मगर उसका गुनाह सामने आ ही जाता है.

लखनऊ में वृंदावन कॉलोनी में हंसता खेलता एक परिवार था. परिवार में एक मां थी, 16 साल का एक बेटा और 10 साल की बेटी थी. परिवार के मुखिया, आसनसोल में आर्मी में जेसीओ के पद पर तैनात थे. सब कुछ ठीक था, मगर शनिवार की रात सब कुछ बदल गया. 16 साल का एक लड़का आधी रात को उठता है, अपने पिता की लाइसेंसी बंदूक उठाता है और मां के सिर में गोली मार देता है. मां मौके पर ही दम तोड़ देती है.

वारदात शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात होती है. मां को गोली मारने के बाद बेहद आराम से, बगैर कोई चिंता किए, अपनी बहन को साथ लेता है, और दूसरे में जाकर आराम से चैन की नींद सोता है. सुनने में अजीब लग सकता है, मगर यही हुआ था उस रोज. अपनी मां को गोली मारने के बाद 16 साल का बेटा, चैन की नींद सो गया.

रविवार सुबह के सूरज ने दस्तक दी तो तीन लोगों से भरे रहने वाले घर में एक सदस्य कम था. बेटे ने मां को मार दिया था, बहन को कमरे में बंद किया, कुत्ते को बांधा और निकल पड़ा अपने मूड में. दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने. पार्टी करने, मौज मस्ती करने. ये अपने आप में हैरान करने वाला है कि अपनी ही मां को जान से मार देने के बाद कोई 16 साल का बच्चा इतना निश्चिंत कैसे हो सकता है.

मगर बात सिर्फ इतनी नहीं थी. आरोपी नाबालिग बेटा, दिन भर अपने दोस्तों के साथ मौज मस्ती तो करता ही रहा. शाम को पार्टी करने के लिए अपने दोस्तों को अपने घर बुला लिया. कमरे में मां का शव पड़ा था, मगर आरोपी इस बात से निश्चिंत हर वो काम कर रहा था, जिस काम को उसकी मां उसके रोकती थी. बहन छोटी थी और भाई की इस हैवानियत से घबराई हुई थी.

16 साल का ये बच्चा, किसी मंझे हुए क्रिमिनल की तरह काम कर रहा था. वो घर से बाहर निकलता था तो बहन को कमरे में लॉक करके जाता था. बहन को डरा दिया था कि तुम्हारा भी यही हाल करेंगे. कई बार पड़ोसियों को कुछ शक हुआ, मगर वो पड़ोसियों से कह देता था कि दादी की तबीयत खराब है, मां चाचा के यहां गई हैं. यही कहानी सुनाकर आरोपी ने अपनी बहन को एक पड़ोसी के यहां खाना भी खिलाया.

लेकिन इस आरोपी की मुश्किलें भी बढ़ने वाली थीं, क्योंकि कमरे में पड़ा मां का शव सड़ने लगा था, उससे बदबू आने लगी थी. इसके लिए भी इसने शातिराना हरकत की. बदबू खत्म करने के लिए इसने कमरे में रूम फ्रेशनर का इस्तेमाल किया. रूम फ्रेशनर छिड़कता रहता था. पड़ोसियों को बता रखा था कि मां, चाचा के यहां गई हैं. मगर रूम फ्रेशनर से सड़े हुए शव की दुर्गंध कबतक छिपती.

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इधर आरोपी के पिता जो कि रोज अपनी पत्नी से फोन पर बात करते थे, मगर शनिवार से उनकी बात नहीं हो पा रही थी. उन्होंने जानकारी जुटाने की कोशिश की तो इसी 16 साल के आरोपी ने एक नई कहानी बुन दी. कहानी ये कि बाहर से कोई आया और उसने मां की हत्या कर दी. पिता के लिए तो काटो तो खून नहीं वाले हालात हो गए. उन्होंने अपने भाइयों को फोन किया. आरोपी के चाचा और दादी इनके घर पहुंचे तो यहां भी आरोपी ने वही कहानी सुनाई.

आरोपी के चाचा ने पुलिस को फोन किया. पुलिस पहुंची तो पूरा कमरा दुर्गंध से भरा हुआ था. अब पुलिस के सामने सिर्फ दो लोग थे, जिनसे पूछताछ करनी थी. पहला 16 साल का आरोपी और दूसरी वो दस साल की बच्ची, जो इसकी बहन है. पहली बार में तो आरोपी ने पुलिस को भी बरगलाने की कोशिश की. एक नई कहानी बुनी. इस कहानी में एक नया किरदार था, इलेक्ट्रीशियन का.

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लड़के ने पुलिस को यही बताया था कि एक इलेक्ट्रीशियन था, जो घर में काम करने आता था और उसी ने मां को एक रात पहले मौत के घाट उतारा. लड़का कह रहा था कि बीती रात ही इलेक्ट्रीशियन ने उसकी मां की हत्या की, मगर शव से उठती दुर्गंध अलग ही कहानी बयां कर रही थी, इसीलिए पुलिस ने पहले बच्ची से पूछा, तो राज खुला और आखिरकार नाबालिग आरोपी भी टूट गया.

घर में एक कुत्ता था, लेकिन इस आरोपी का दिमाग देखिए कि उसने कुत्ते को ऐसी जगह बांधा था, कि कुत्ता उस कमरे तक न पहुंचे जहां मां का शव पड़ा था. 16 साल के नाबालिग आरोपी ने अपनी मां को बेरहमी से मार डाला, मगर असली बेरहमी उसने मां के कत्ल के बाद की, जिसने भी ये कहानी सुनी वो हैरान रह गया.

Source : Aaj Tak

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