बैरिया गोलंबर से बस स्टैंड तक मेन रोड के पूरब और पश्चिम में 150 मीटर चौड़ाई में सरकारी जमीन है। अभी इस जमीन पर अस्थाई रूप से लोगों ने कब्जा कर रखा है। बैरिया में इंटीग्रेटेड बस टर्मिनल का निर्माण शुरू होने से पहले इस सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराया जाएगा, ताकि यहां पर बसें खड़ी की जा सकें और यहीं से बसों का परिचालन हो सके।
बैरिया बस पड़ाव समिति की ओर से कब्जा हटाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इंटीग्रेटेड बस पड़ाव का निर्माण शुरू होने पर यहां से कब्जा खाली कराएगा। बैरिया में इंटीग्रेटेड बस टर्मिनल निर्माण के लिए बस पड़ाव समिति और स्मार्ट सिटी के बीच पूर्व में एग्रीमेंट हुआ था। इसमें स्पष्ट किया गया है कि निर्माण शुरू होने पर बसों के परिचालन में कोई व्यवधान नहीं आए इसका निर्माण कंपनी ध्यान रखेगी। 8.49 एकड़ जमीन है। इसमें एक पार्ट सुरक्षित रखकर दूसरे भाग में निर्माण होगा, ताकि बसों का परिचालन सुगम रहे। हालांकि, अब यह योजना बुडको के अधीन हो गयी है।
जिला परिवहन अधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव तैयार नहीं किया गया है कि बैरिया में निर्माण शुरू होने पर बस स्टैंड को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए। रोड सेफ्टी समिति की बैठक में मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष ने अपनी ओर से मौखिक सुझाव रखा था, लेकिन उन्हें स्पष्ट कर दिया गया था कि जब निर्माण होगा, तब बस पड़ाव समिति इसके लिए निर्णय लेने को स्वतंत्र होगी।
वहीं, नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने बताया कि बैरिया में इंटीग्रेटेड बस टर्मिनल निर्माण के संबंध में 13 जून को पटना में होने वाली स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक में निर्णय होना है। यह योजना अब स्मार्ट सिटी से शिफ्ट होकर बुडको के अधीन हो गई है। बुडको की ओर से ही इंटीग्रेटेड बस टर्मिनल के निर्माण के टेंडर की कवायद चल रही है।
बता दें कि शहर के इमलीचट्ठी से सरकारी बस स्टैंड को शिफ्ट करने का प्रस्ताव है। इमलीचट्टी से बस स्टैंड हटने के बाद बहुत हद तक शहर के प्रमुख मार्ग बैरिया-इमलचट्टी और भगवानपुर-इमलचट्टी मार्ग से यातायात का अत्यधिक बोझ घटेगा। इससे यातायात व्यवस्था सुगम होगी।
Source : Hindustan