कैंसर के बाद अब एचआईवी-एड्स जैसी लाइलाज बीमारी का तोड़ संभवतः वैज्ञानिकों ने निकाल लिया है. एक ऐसी वैक्सीन बनाने में कामयाबी मिली है, जिसकी महज एक खुराक से ही HIV वायरस को खत्म किया जा सकता है. इजरायल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा तैयार इस वैक्सीन के लैब रिजल्ट बहुत अच्छे आए हैं. वैज्ञानिकों ने शरीर में मौजूद टाइप-बी वाइट ब्लड सेल्स के जीन में कुछ बदलाव किए, जिन्होंने एचआईवी वायरस को तोड़ दिया. इस कामयाबी से उम्मीद जगी है कि एचआईवी-एड्स जैसी बीमारी का भी इलाज अब ज्यादा दूर नहीं है.

एचआईवी-एड्स का अभी तक कोई इलाज उपलब्ध नहीं है. दवाओं से हालांकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है और एचआईवी संक्रमित व्यक्ति लंबे समय तक जिंदा रह सकता है. ये बीमारी एचआईवी यानी ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस से फैलती है. ये वायरस शरीर के इम्यून सिस्टम पर हमला करता है. अगर इसका इलाज न किया जाए तो एड्स हो सकता है. एक आंकड़े के मुताबिक, 2020 में दुनिया में करीब 3.7 करोड़ लोग इस बीमारी के शिकार थे. ये मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध बनाने, दूषित खून चढ़ाने, संक्रमित सीरिंज के इस्तेमाल और एचआईवी संक्रमित गर्भवती मां से उसके बच्चे में फैलती है.

ऐसे मिली HIV वायरस पर जीत

इस लाइलाज बीमारी का तोड़ निकालने के लिए डॉ. आदि बार्जेल की अगुआई में वैज्ञानिकों की टीम ने बी सेल्स का इस्तेमाल किया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ये सेल्स हमारे शरीर में वायरस और खतरनाक बैक्टीरिया से लड़ने के लिए एंटीबॉडी पैदा करते हैं. ये वाइट सेल्स बोन मैरो में बनते हैं. परिपक्व होने पर खून के जरिए शरीर के हिस्सों में पहुंच जाते हैं. वैज्ञानिकों ने इस बी सेल्स के जीन में बदलाव करके एचआईवी वायरस के कुछ खास हिस्सों से संपर्क कराया. इससे उनमें कुछ बदलाव हुए. उसके बाद इन तैयार बी सेल्स का एचआईवी वायरस से मुकाबला कराया गया तो वायरस टूटता हुआ नजर आया. इन बी सेल्स में एक खास बात ये भी देखी गई कि जैसे-जैसे एचआईवी वायरस ने अपनी ताकत बढ़ाई, ये भी उसी के हिसाब से अपनी क्षमता बढ़ाते चले गए और उनका मुकाबला किया.

HIV ही नहीं, कैंसर पर भी कारगर

इस रिसर्च को अंजाम देने वाले डॉ. बार्जेल ने बताया कि लैब में जिन मॉडल्स पर इस इलाज का परीक्षण किया गया, उनमें काफी अच्छे नतीजे देखने को मिले. उनके शरीर में एंटीबॉडीज की संख्या भी काफी बढ़ गई और एचआईवी वायरस को खत्म करने में कामयाबी मिली. इस शोध को नेचर मैगजीन में प्रकाशित किया गया है. मेडिकल जर्नल ने अपने निष्कर्ष में इन एंटीबॉडीज को सुरक्षित, शक्तिशाली और काम करने योग्य बताया है. कहा है कि ये न सिर्फ संक्रामक रोगों बल्कि कैंसर और ऑटोइम्यून बीमारियों के इलाज में भी कारगर हो सकता है.

umanag-utsav-banquet-hall-in-muzaffarpur-bihar

कैंसर की जादुई दवा से ठीक हुए मरीज

एचआईवी के खिलाफ जंग में कामयाबी की ये उम्मीद ऐसे समय दिखी है, जब कुछ ही दिन पहले एक ड्रग ट्रायल में मरीजों के रेक्टल कैंसर को खत्म करने में कामयाबी मिली थी. अमेरिका में डोस्टरलिमैब नाम की दवा 12 मरीजों को हर 3 हफ्ते के अंतर पर 6 महीने तक दी गई. दावा किया गया कि इससे सभी मरीजों में कैंसर पूरी तरह ठीक हो गया और दवा का कोई साइडइफेक्ट भी नहीं दिखा.

Source : News18

nps-builders

Genius-Classes

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *