केंद्र सरकार द्वारा अग्निपथ योजना के ऐलान के बाद से इस स्कीम को लेकर लगातार हिंसक विरोध-प्रदर्शन हुए. दरअसल इस योजना के जरिए सरकार देश के युवाओं को भारतीय सेना में सेवा करने का मौका दे रही है लेकिन विरोध इस योजना से जुड़ी नियम व शर्तों से हैं. दरअसल अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को सेना में 4 वर्ष के लिए काम करने का अवसर मिलेगा और यह अवधि पूरी होने पर भर्ती किए गए कुल युवाओं में से सिर्फ 25 फीसदी जवानों को रेगुलर कैडर में शामिल किया जाएगा.
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि इस योजना में सेना में स्थाई नौकरी, फिक्स सैलरी, पेंशन और अन्य लाभ से वे वंचित हो जाएंगे. लेकिन सरकार ने कहा है कि, अग्निपथ योजना में उन्हें 4 वर्ष के लिए 11.71 लाख रुपए का पैकेज मिलेगा, साथ ही सेवा पूर्ण होने पर उन्हें राज्य पुलिस और अर्ध सैनिक बलों की नौकरियों में प्राथमिकता व आरक्षण दिया जाएगा. नाराज छात्रों की मांग को देखते हुए केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना को लेकर कुछ बदलाव व अहम घोषणाएं की हैं.
‘अग्निवीरों’ को मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को एक प्रस्ताव को मंजूरी दी जिसके तहत रक्षा मंत्रालय की नौकरियों में अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा. यह रिजर्वेशन भारतीय तटरक्षक बल और डिफेंस सिविलियन पोस्ट के अलावा 16 रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनियों में लागू होगा.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को घोषणा की है कि अग्निवीरों को अर्धसैनिक बलों और असम राइफल्स की नियुक्तियों में 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा और आयु सीमा में भी राहत दी जाएगी. सेना में 4 साल की अपनी सेवाएं पूर्ण करने के बाद अग्निवीरों को यह लाभ मिलेगा.
फर्स्ट ‘अग्निवीर’ बैच को आयु सीमा में 5 साल की छूट
इसके अलावा इस साल अग्निवीरों की पहली बैच को आयु सीमा में 5 साल की छूट मिलेगी और अधिकतम उम्र 23 साल से बढ़कर 28 साल हो जाएगी.
बता दें कि इस अग्निपथ योजना को लेकर देश के कई हिस्सों में पिछले 2 दिनों में जबरदस्त हिंसा हुई. विपक्ष समेत अन्य राजनीतिक दलों ने भी सरकार से इस योजना को वापस लेने को कहा है. लेकिन सरकार का कहना है कि यह योजना काफी विचार-विमर्श के बाद लाई गई है.
Source : News18