पटना हाईकोर्ट ने पांच वर्षीय बच्ची खुशी के अपहरण मामले में पहले से गठित एसआईटी को समाप्त कर मुजफ्फरपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में नई एसआईटी गठित कर जांच करने का आदेश दिया है। साथ ही अगली सुनवाई में जांच रिपोर्ट के साथ मुजफ्फरपुर के एसएसपी एवं डीएसपी को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।
हाईकोर्ट में मंगलवार को मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा अंतर्गत सब्जी विक्रेता राजन साह की पांच वर्षीय बेटी खुशी के अपहरण से संबंधित मामले पर सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की कोर्ट में मुजफ्फरपुर के टाउन डीएसपी मौजूद रहे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि अनुसंधान में पाए गए संदिग्ध व्यक्ति आकाश कुमार के बयान को भी पुलिस द्वारा नजरअंदाज किया गया। कोर्ट ने अनुसंधान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पूर्व के अनुसंधानकर्ताओं ने अनुसंधान के नाम पर केवल कागजी कार्यवाही की है। कोर्ट ने केस डायरी का अवलोकन कर यह पाया कि पुलिस ने संदिग्धों पर उचित ढंग से कार्यवाही नहीं की। अनुसंधान में उदासीन रवैया अपनाया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ओम प्रकाश ने कोर्ट को बताया कि 16 फरवरी 2021 को बच्ची का अपहरण कर लिया गया था, लेकिन एक साल 4 माह के बाद भी सुराग नहीं मिला है। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने पुलिस की जांच पर नाराजगी जताते हुए वर्तमान अनुसंधानकर्ता को जांच करने से रोक दिया। साथ ही आगे की जांच डीएसपी एवं एसएसपी की अगुवाई में करवाने का आदेश दिया था। एसएसपी जयंतकांत ने बताया कि मामले में एसआईटी गठित कर सभी बिंदुओं पर नये सिरे से पड़ताल की जाएगी।
Source: Hindustan