अपनी डाक्यूमेंट्री ‘‘काली’’ को लेकर उत्पन्न विवाद के बीच फिल्मकार लीना मणिमेकलाई ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह ‘इस समय कहीं भी’ सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं. ‘‘काली’’ के पोस्टर में देवी को धूम्रपान करते और एलजीबीटीक्यू का झंडा पकड़े हुए दिखाए जाने के बाद फिल्मकार के खिलाफ कई जगहों पर मामला दर्ज किया गया है.

मणिमेकलाई ने ब्रिटिश अखबार ‘द गार्जियन’ को टैग करते हुए और अखबार को दिए साक्षात्कार को साझा करते हुए लिखा, ‘‘ऐसा लगता है कि पूरा देश- जो अब सबसे बड़े लोकतंत्र से सबसे बड़ी नफरत की मशीन बन गया है. मुझे सेंसर करना चाहता है. मैं इस समय कहीं भी सुरक्षित महसूस नहीं करती.’’

‘इंटरनेट पर मिली हत्या की धमकियां’

मणिमेकलाई ने कहा कि पिछले हफ्ते विवाद शुरू होने के बाद से उन्हें, उनके परिवार और सहयोगियों को 200,000 से अधिक ऑनलाइन अकाउंट से धमकियां मिली हैं. टोरंटो में रहने वालीं निर्देशक ने ऑनलाइन धमकियों को दक्षिणपंथी हिंदू समूहों द्वारा ‘‘बड़े पैमाने पर पीट-पीट कर हत्या की घटनाओं के’’ समान बताया.

उन्होंने कहा, ‘‘जिस राज्य तमिलनाडु से मेरा ताल्लुक है उसमें काली को अलग तरह की देवी के तौर पर माना जाता है. वह बकरी के खून में पका हुआ मांस खाती है, अरक पीती है, बीड़ी पीती है और जंगली नृत्य करती है…यही वह काली है जिसके स्वरूप को मैंने फिल्म के लिए अपनाया है.’’

मणिमेकलाई ने कहा, ‘‘मुझे अपनी संस्कृति, परंपराओं और ग्रंथों को कट्टरपंथी तत्वों से वापस लेने का पूरा अधिकार है. इन ट्रोल्स का धर्म या आस्था से कोई लेना-देना नहीं है.’’ मणिमेकलाई के खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई. बुधवार को उनके खिलाफ भोपाल और रतलाम में दो और मामले दर्ज किए गए.

विवाद के बाद पुलिस मामलों का सामना करने वालीं मणिमेकलाई अकेले नहीं हैं. तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ देवी के बारे में अपनी टिप्पणियों से धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में भी प्राथमिकी दर्ज की गई है.

Source : News18

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