बिजली के स्मार्ट मीटर फर्जीवाड़ा रोकने के लिए लगाए गए थे लेकिन लखनऊ में फर्जी बिजली कर्मचारी गिरोह के 2 सदस्यों ने बिजली विभाग के एक्सईएन से ही स्मार्ट मीटर को धीमा करने की पेशकश कर डाली। उन्होंने इसके लिए पांच हजार रुपये की मांग की।दोनों इंदिरानगर में किसी शिकार की तलाश करते हुए उनके घर पहुंचे थे। इस दौरान वे भांप नहीं सके कि सामने बिजली विभाग के असली इंजीनियर बैठे हैं। एक्सईएन ने तत्काल अपने मातहतों और पुलिस को सूचना दी और दोनों को गिरफ्तार करा दिया। दोनों के पास से आईपीएस कंपनी का आईडी और कुछ अन्य उपकरण मिले हैं। पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है।
मध्यांचल निगम के अधिशासी अभियंता आईटी अरविंद सिंह का इंदिरानगर में मकान है। रविवार शाम चार बजे उनके सरकारी मोबाइल पर फोन आया कि मैं प्रशांत गुप्ता बोल रहा हूं। मैंने आपके यहां मीटर लगाया था और मैं मीटर को स्लो करने में सहायता कर सकता हूं और आप का बिजली बिल आधा हो जाएगा। जिसका पांच हजार रुपए लगेगा। अधिशासी अभियंता ने फर्जी गैंग के सदस्यों को घर बुला लिया। इसके अलावा इंदिरानगर डिवीजन के अधिशासी अभियंता घनश्याम को भी बुला लिया।
वर्ष 2020 में स्मार्ट मीटर लगाने का काम करता था आरोपी
गैंग का सदस्य प्रशांत गुप्ता व दीपक मौर्य शाम सात बजे अरविंद कुमार के घर पहुंचा। अधिशासी अभियंता घनश्याम की टीम भी पहुंच गई। जांच में प्रशांत के पास आईपीएस कंपनी का आईडी मिला। इसके अलावा मीटर की पॉलीकार्बन सील व मीटर सीलिंग बुक पाई गई। एलएंडटी कंपनी को 2020 में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य दिया गया था।
मोबाइल में मीटर छेड़छाड़ का वीडियो मिले
लेसा अधिकारियों ने एलएंडटी के अनुज मिश्रा व आईपीएस के प्रतिनिधि जय भगवान को मौके पर बुलाया। जिन्होंने प्रशांत गुप्ता की पहचान की। पड़ताल में प्रशांत के मोबाइल में मीटर छेड़छाड़ का वीडियो मिले। आईपीएस कंपनी के जय भगवान ने बताया कि कई बार आईडी कार्ड वापस करने का आग्रह करने पर भी प्रशांत द्वारा कार्ड वापस नहीं किया गया। विभाग द्वारा आरोपी प्रशांत और दीपक पर मीटर से छेड़छाड़, आईडी कार्ड का दुरुपयोग के संबंध में गाजीपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया।
Source: Live Hindustan