हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि देश में प्रजनन दर घटने की रफ्तार सही है और जनसंख्या नियंत्रण के लिए किसी तरह के कानून की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि मुसलमान ही हैं, जो सबसे ज्यादा गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनसंख्या असंतुलन वाले कल के बयान पर भी पलटवार किया है और सवाल किया है कि क्या मुसलमान इस देश के मूल निवासी नहीं हैं? गौरतलब है कि विश्व जनसंख्या दिवस पर संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2023 तक भारत, चीन को पीछे छोड़कर दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा।

‘मुसलमान सबसे ज्यादा गर्भ निरोधकों का इस्तेमाल करते हैं’
जनसंख्या असंतुलन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद हैदराबाद के सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया है कि देश में मुसलमान ही सबसे ज्यादा गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल करते हैं। एआईएमआईएम के सांसद ने कहा है कि ‘उनके अपने स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए किसी कानून की आवश्यकता नहीं है। ये मुसलमान ही हैं, जो सबसे ज्यादा गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल करते हैं।’

प्रजनन दर की रफ्तार में सुधार- ओवैसी

यही नहीं ओवैसी ने कहा कि ‘कुल प्रजनन दर जो 2016 में 2.6 था, अब 2.3 है। देश का डेमोग्रैफिक डिविडेंट सभी देशों में सबसे बेहतर है।’ दरअसल सोमवार को आई संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि 2023 तक भारत सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाएगा और चीन को पीछे छोड़ देगा। इसी पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम सफलतापूर्वक जारी रहना चाहिए, लेकिन इसके साथ-साथ ही ‘जनसंख्या असंतुलन’ की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

जनसंख्या असंतुलन की स्थिति पर सीएम योगी ने जताई है चिंता
दरअसल अपने बयान में सीएम योगी ने ‘मूलनिवासी’ का भी जिक्र किया था और कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण संतुलित होनी चाहिए। उन्होंने कहा था,’यह नहीं होना चाहिए कि कुछ समुदाय की जनसंख्या विकास की गति या प्रतिशत ज्यादा हो और हम जागरूकता या बाध्य करके मूलनिवासी की जनसंख्या को स्थिर कर दें।’ उन्होंने कहा, ‘जिन देशों में जनसंख्या असंतुलन की ऐसी स्थिति पैदा होती है,यह धार्मिक जनसांख्यिकी को प्रभावित करता है और कुछ समय के बाद अव्यवस्था और अराजकता पैदा होने लगती है।’ ओवैसी इसी ‘मूलनिवासी’ शब्द से असहज हो गए हैं।

Source: one india

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