राज्य सरकार में किसी स्तर के कर्मी की दूसरी शादी तभी वैद्य मानी जाएगी, जब इसके लिए सरकार से पहले अनुमति ली गई हो। यदि दूसरी शादी की पर्सनल लॉ से मान्यता मिल गई और सरकार से अनुमति नहीं मिली है, तो यह शादी मान्य नहीं होगी। बिना सरकार की पूर्व अनुमति के पति या पत्नी के जीवित रहते विवाह नहीं सकते हैं। इस तरह की शादी से उत्पन्न संतान को अनुकंपा के आधार पर नौकरी के हकदार नहीं होंगे। किसी सरकारी सेवक के सेवाकाल में मृत्यु के बाद ऐसी संतान अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए तैयार होने वाले विचार प्रस्ताव के लिए भी कहीं से मान्य नहीं होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी विभागों के प्रमुखों, डीजीपी, अनुमंडलीय आयुक्त और सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी किया है।

अनुमति ली हो तभी मान्य

आदेश में कहा गया है कि यदि सरकार से अनुमति लेकर इस तरह का दूसरा विवाह विधि अनुसार किया गया हो, तो ऐसी स्थिति में जीवित पत्नियों या इनके बच्चे अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए मान्य होंगे। दूसरी शादी से जुड़े अनुकंपा आधारित नियुक्ति का लाभ तभी, जब वे योग्यता पर खरे उतरते हो।

Source : Dainik Bhaskar

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