मोतीपुर, कांटी व मीनापुर से शहर होकर सकरा व पिलखी तक हर रात बूढ़ी गंडक नदी से अनुमानित सवा करोड़ रुपये की रेत चोरी हो रही है। रेत माफिया जेसीबी, ट्रैक्टर-ट्रेलर और हाइवा से नदी में रेत काट रहे हैं। इसपर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने दो माह में 14 बार छापेमारी की है। सबसे अधिक अहियापुर के दादर और संगम घाट के पास कार्रवाई की। इस दौरान अहियापुर पुलिस ने दो दर्जन से अधिक वाहनों को भी जब्त किया, लेकिन रेत माफियाओं निरकुंश हैं।
विशेष शाखा ने रेत की चोरी पर विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय भेजी है जिसके बाद रेत माफियाओं पर कार्रवाई के लिए मुहिम चलाने का निर्देश डीएम व एसएसपी को दिया गया है। जिला खनिज पदाधिकारी ने एसएसपी को पत्र भेजकर थाना स्तर से कार्रवाई कराने का आग्रह किया है। रेत की कीमत तीन हजार रुपये प्रति ट्रेलर है।
● विशेष शाखा ने भेजी रिपोर्ट मुहिम चलाने का निर्देश
● बाढ़ से पहले ज्यादा कमाई के चक्कर में उत्खनन
सभी थानेदारों को रेत व बालू आदि लदे वाहनों को चेकिंग के दौरान जब्त करने का निर्देश दिया जा चुका है। इलाके की नदी में भी अवैध मिट्टी कटाई पर रोक का आदेश दिया गया है। – जयंतकांत, एसएसपी
जेसीबी जब्त नहीं कर रही पुलिस टीम
बीते दो माह के दौरान पुलिस ने बूढ़ी गंडक नदी से रेत काटने को लेकर 14 बार छापेमारी की। पुलिस ने रेत लदे ट्रैक्टर-ट्रेलर को जब्त किया, लेकिन एक बार भी जेसीबी जब्त नहीं कर सकी। रात में रेत माफिया जेसीबी से ही ट्रैक्टर-ट्रेलर पर रेत लादते हैं। नदी के हर थाना क्षेत्र में रेत चोरी के खेल की रिपोर्ट है।
एक जेसीबी से हर रात 24 लाख का रेत खनन
जिला खनिज पदाधिकारी ने दादर के पास 18 फरवरी को छापेमारी की थी। एफआईआर में स्पष्ट किया था कि रात में प्रति जेसीबी 2700 क्यू. मी. रेत काट रही है। एक जेसीबी से हर रात 24.25 लाख की राजस्व हानि हो रही है। मोतीपुर से मुरौल तक हर रात पांच से छह जेसीबी से करीब सवा करोड़ राजस्व क्षति हो रही है।
Source : Hindustan