राजधानी पटना के राजीवनगर स्थित आवास बोर्ड की भूमि पर निर्माण और कब्जे का खेल रूक नहीं रहा है। इसका खुलासा रविवार को छापेमारी में आवास बोर्ड की भूमि पर कब्जा कर कई भू-खंडों पर धड़ल्ले से चल रहे निर्माण कार्य के दौरान हुआ था। इस मामले में कार्रवाई तो हो रही है पर भूमाफिया पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
शनिवार को मौके से निर्माण सामग्री के साथ कुल 16 लोग पकड़े गए। इनमें सबसे ज्यादा मजदूर थे जबकि कुछ लोग अपने बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर रहे थे। सोमवार को एक बार फिर गिरफ्तार मजदूरों को जेल जाना पड़ा लेकिन एक भी भू-माफिया न तो पकड़ा गया और न ही उसके खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज हो सकी। यह खेल लंबे समय से चल रहा है। भू-माफिया बच जाते हैं और मजदूरों को जेल जाना पड़ता है।
सब जनती है पुलिस
आवास बोर्ड की बेशकीमती भूमि पर एक दर्जन से अधिक बड़े भू-माफियाओं का दबदबा है। धोखे में रखकर इन भू-माफियाओं द्वारा आवास बोर्ड की कई एकड़ भूमि बंदरबांट हो जा चुकी है।
सब कुछ जानते हुए आवास बोर्ड और पुलिस प्रशासन इस खेल को रोक नहीं पाया। पिछले दिनों जब यह मामला तेजी के साथ उछला तो प्रशासन की सख्ती पर राजीवनगर के नेपालीनगर में दो दिन तक बुलडोजर गरजा। इस दौरान 95 मकान व चहारदीवारी ढहा दी गई। इसमें कई अधिकारियों व पुलिस के भी आलीशन मकान ढहा दिए गए, लेकिन भू-माफिया के मकान व भू-खंड बच गए। कार्रवाई के बावजूद अब भी राजीवनगर में एक दर्जन से अधिक भू-माफियाओं का सिक्का चल रहा है। इसमें कुछ भू-माफिया सफेदपोश भी बन गए हैं।
अबतक भू-माफिया का नाम नहीं आया सामने
मजे की बात है कि राजीवनगर में आवास बोर्ड की भूमि पर निर्माण करने के दौरान पुलिस और आवास बोर्ड की टीम द्वारा 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया। सोमवार को कोर्ट में पेश करने के बाद सभी जेल भेज दिए गए।
राजीवनगर थाना प्रभारी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि पूछताछ में पकड़े गए आरोपित किसी भी भू-माफिया का नाम नहीं बता सके। जांच में जिस भू-माफिया का नाम साक्ष्य के साथ आएगा, उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
Source : Hindustan