गाजियाबाद की साहिबाबाद थाना पुलिस ने मंगलवार रात करीब 11 बजे अर्थला में पेट्रोल पंप से आठवीं पास मजदूर खुशी मोहम्मद को जाली नोट छापने के जुर्म में गिरफ्तार किया है। वह रातोरात अमीर बनने की चाहत में यू-ट्यूब से सीखकर गिरधरपुर बादलपुर में अपने किराए के घर में ये नोट छाप रहा था। दिन में मजदूरी करता था, रात में नोट छापता था। 500, 200 और 100 रुपये के 94 हजार कीमत के नोट छाप चुका था। थाने में पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को जाली नोट छापकर दिखाए।
वह नोट चलाने के लिए जिसे अपना एजेंट बनाना चाहता था, उसी ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछा दिया। वह जैसे ही नोट चलाने के लिए पेट्रोल पंप पर पहुंचा, उसे पकड़ लिया गया। उसके पास से 9400 रुपये के जाली नोट मिले। उसके घर से प्रिंटर, कटर, टेप सहित साजो सामान बरामद कर लिया गया।
एसपी सिटी सेकेंड ज्ञानेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि खुशी मोहम्मद मूल रूप से बदायूं के विनाखर के उनख का निवासी है। काफी समय से गिरधरपुर बादलपुर में रह रहा था।एक लाख जाली के बदले 35 हजार असली खुशी मोहम्मद ने जाली नोट का कारोबार करने की पूरी तैयारी कर ली थी। उसने एजेंट से कहा कि पेट्रोल पंप वालों से बात करे। एक लाख के जाली नोट देने के बदले 35 हजार रुपये असली लेगा। एजेंट उससे मिली जानकारी पुलिस को दे रहा था।
20 दिन में सीखा जाली नोट बनाना
खुशी मोहम्मद ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने जाली नोट बनाना 20 दिन में सीखा। इसके लिए सामान खरीदकर लाने के बाद वह रात को यू-ट्यूब पर देखकर अभ्यास करता था। वह हूबहू असली जैसे नकली नोट बनाना चाहता था।
सात महीने में दो शातिर पकड़े, दोनों आठवीं पास
पुलिस ने सात महीने में यू-ट्यूब से सीखकर जाली नोट बनाने वाले दो शातिर पकड़े हैं। दोनों ही आठवीं पास हैं। इससे पहले जनवरी में कैला भट्ठा से आजाद को पकड़ा था। उसने एक महीने में यू-ट्यूब से जाली नोट बनाना सीखा। उसके गिरोह में सात लोग थे। आठ महीने में 11 लाख के नकली नोट बाजार में खपा चुका था। उसके पास से साढ़े छह लाख के नकली नोट बरामद हुए थे। दोनों ने जाली नोट खपाने के लिए पेट्रोल पंप को ही चुना। इससे पहले भी जो गिरोह पकड़े गए, वे पेट्रोल पंप पर जाली नोट चलाते थे।
Source: Amar Ujala