पूर्णिया. हमारे देश में बेटी को लक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा का रूप माना जाता है. लेकिन आज के दौर में भी कुछ मां-बाप बेटी को अभिशाप समझते हैं. बिहार के पूर्णिया में एक मां अपनी चार माह की दुधमुंही दृष्टिहीन बच्ची को लावारिस हालत में छोड़ गई. दुधमुंही बच्ची का दृष्टिहीन होना उसके लिए अभिशाप बन गया. वाकया पूर्णिया रेलवे जंक्शन का है.

पूर्णिया स्टेशन पर गुरुवार सुबह पूर्णिया-सहरसा डेमू ट्रेन के शौचालय में 4 माह की बच्ची को लावारिस हालत में छोड़कर उसकी मां फरार हो गई. बनमनखी की सब्जी विक्रेता सरिता देवी ने जब बच्ची को लावारिस हालत में रोते देखा तो उसे अपनी गोद में लेकर ट्रेन से नीचे उतरीं और जीआरपी थाना गई. जीआरपी थानाध्यक्ष ने इसकी सूचना चाइल्ड लाइन को दी.

इस बारे में सब्जी विक्रेता सरिता देवी ने कहा कि बच्ची देख नहीं सकती है. उसे यह बच्ची ट्रेन के टॉयलेट में लावारिस हालत में मिली है. इससे अंदाजा है कि इसकी मां इसे छोड़कर गई है. जब मैंने बच्ची के रोने की आवाज सुनी तो टॉयलेट का दरवाजे को धक्का देकर देखा तो बच्ची वहां रो रही थी.

जीआरपी ने चाइल्ड लाइन को सौंपी बच्ची

जीआरपी के एसएचओ रंजीत सिंह ने कहा कि लावारिस हालत में ट्रेन में मिली बच्ची को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया है. चाइल्ड लाइन के समन्व्यक मयूरेश गौरव ने कहा कि बच्ची दोनों आंख से दिव्यांग है. प्रतीत होता है कि दिव्यांगता और बेटी होने के कारण उसकी मां ने उससे ट्रेन में लावारिस छोड़ दिया होगा. फिलहाल बच्ची को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत कर उसे दत्तक गृह में सौंप दिया जाएगा.

Source : News18

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