बिहार में मंकीपॉक्स का पहला संदिग्ध मरीज मिला है। महिला पटना सिटी के गुडहट्टा एरिया की निवासी है। PMCH की माइक्रो वायरोलॉजी विभाग की टीम सैंपल लेने मरीज के घर पहुंची है। महिला में मंकीपॉक्स के सभी लक्षण मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग इस केस को संदिग्ध मान रहा है। इसलिए इसकी जांच कराई जा रही है। महिला की ट्रैवल हिस्ट्री का भी अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है।

बता दें कि देश में अब तक मंकीपॉक्स के 4 मरीज मिले चुके हैं। हाल ही दिल्ली में केस मिला था। तीन केस केरल में हैं।

जानकारों के अनुसार, मंकीपॉक्स का वायरस पशुओं से मनुष्य में और मनुष्य से मनुष्य में भी फैल सकता है। यह वायरस कटी-फटी त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। यह संक्रमित पशु से मानव में वायरस का संचरण काटने, खरोंचने, शरीर के तरल पदार्थ एवं घाव से सीधे अथवा अप्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति के चकत्ते दिखने से 1-2 दिन पहले तक रोग फैला सकता है।

मंकीपॉक्स को लेकर हाई लेवल मीटिंग: बिहार में एक ओर कोरोनावायरस संक्रमण बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ मंकीपॉक्स के संभावित खतरे से लोग डरे सहमे हैं. केंद्र सरकार ने भी 3 दिन पहले बिहार सरकार को अलर्ट भेजा था. बिहार सरकार भी तैयारियों में जुटी है. राज्य में कोरोनावायरस का खतरा भी बरकरार है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी संक्रमित हो गए हैं. मंगल पांडे ने कहा कि सभी जिलों के सिविल सर्जन और मेडिकल कॉलेजों के सुपरिटेंडेंट के साथ बैठक कर गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिया गया है.

“अगर कोई संदिग्ध दिखता है तो जांच कराने के लिए व्यवस्था की गई है. सैंपल को जांच के लिए पुणे भेजना होगा. सिविल सर्जनों को कहा गया है कि प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारियों को भी अलर्ट करें.”- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार

Source : Dainik Bhaskar

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