न्यूड फोटोशूट मामले में अभिनेता रणवीर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है .एक मैग्जीन के लिए किए गए फोटोशूट को लेकर एक सामाजिक कार्यकर्ता ने चेंबूर पुलिस स्टेशन में एक दिन पहले मामला दर्ज करवाया था. रणवीर सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 292 (अश्लील या कामुक सामग्री दिखाने या बेचने), 293 (अश्लील वस्तु को बेचना और वितरण करना) और 509 (महिला का अपमान करने का इरादा) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. इसके अलावा उनपर आईटी एक्टर की कई धाराओं के तहत मामला दर्द किया है.
रणवीर सिंह के खिलाफ यह शिकायत एक गैर-सरकारी संस्था ने दर्ज सोमवार को दर्ज करवाई थी. इस संस्था का नाम श्याम मंगाराम फाउंडेशन है. संस्था के प्रतिनिधि सामाजिक कार्यकर्ता ने मुंबई के चेम्बूर पुलिस स्टेशन में रणवीर सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
Complaint registered against actor Ranveer Singh in Mumbai's Chembur Police Station for posting nude pictures on his Instagram account. Police have yet to register an FIR.
(file photo) pic.twitter.com/B0G38hvave
— ANI (@ANI) July 25, 2022
संस्था ने शिकायत में कहा था ये
रणवीर सिंह के खिलाफ दर्ज करवाई गई इस शिकायत में लिखा था, “हम पिछले 6 सालों से बच्चों और विधवाओं के अच्छे भविष्य पर काम कर रहे हैं. पिछले हफ्ते हमने बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह की कई न्यूड तस्वीरें वायरल होते देखीं. ये तस्वीरें जिस तरह से खींची गई हैं, उन्हें देखकर कोई भी महिला या पुरुष शर्मसार हो जाएगा.”
संस्कृति को बिगाड़ने का आरोप
रणवीर सिंह इस फोटोशूट की वजह से पिछले कई दिनों से चर्चा में बने हुए हैं. इसके लिए उन्हें ट्रोल भी किया गया. उनकी आलोचना भी की गई. हालांकि कई सेलेब्स ने उन्हें सपोर्ट भी किया है. उनके न्यूड फोटोशूट को एक्टर का एक बोल्ड स्टेप बताया है. लेकिन कई लोगों ने देश की सामाजिकता और संस्कृति को बिगाड़ने वाला बताया.
पेपर मैगजीन के लिए करवाया था फोटोशूट
रणवीर सिंह ने ये फोटोशूट पेपर मैगजीन के लिए करवाया था. इसकी तस्वीरें उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की थी. इन तस्वीरों के सामने आने के बाद से ही लोग रणवीर और उनके फोटोशूट की चर्चा कर रहे हैं.
चारों धाराओं के तहत कितनी हो सकती है सजा?
IPC की धारा 292
– प्रावधानः इसमें अश्लीलता को परिभाषित किया गया है. इसके तहत अगर किसी किताब, पेपर, पैम्फलेट, मैग्जीन, लेख, ड्रॉइंग या किसी भी ऐसी चीज को अश्लील माना जाएगा, जो कामुक है या कामुक बनाती है या फिर जिसे देखकर, सुनकर या पढ़कर लोगों भ्रष्ट हो सकते हैं.
– कितनी सजा: पहली बार दोषी पाए जाने 2 साल कैद और 2 हजार रुपये के जुर्माने की सजा. दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 5 साल कैद और 5 हजार रुपये तक के जुर्माने की सजा. ये जमानती अपराध है.
IPC की धारा 293
– प्रावधानः अगर कोई व्यक्ति 20 साल से कम उम्र के किसी व्यक्ति को ऐसी अश्लील सामग्री बेचता है या दिखाता है या प्रदर्शित करता है या बांटता है या इसकी कोशिश भी करता है, तो इस धारा के तहत केस दर्ज होता है.
– कितनी सजाः पहली बार दोषी पाए जाने पर 3 साल कैद और 2 हजार रुपये की जुर्माने की सजा. दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 7 साल तक की कैद और 5 हजार रुपये तक की जुर्माने की सजा हो सकती है. ये भी जमानती अपराध है.
IPC की धारा 509
– प्रावधानः अगर कोई व्यक्ति किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के मकसद से कोई शब्द कहता है या आवाज निकालता है या शरीर को छूता है या किसी ऐसी वस्तु को दिखाता है जिससे स्त्री की गरिमा का अपमान हो, तो इस धारा के तहत केस दर्ज होता है.
– सजाः इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की कैद हो सकती है. साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है. ये भी एक जमानती अपराध होता है.
IT एक्ट की धारा 67(A)
– प्रावधानः अगर कोई व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किसी ऐसी सामग्री का प्रकाशन करता है, जो कामुक हो, तो ये धारा लगाई जाती है. इस धारा में यौन कृत्य वाली सामग्री का प्रकाशन या प्रसारण करने के लिए सजा का प्रावधान है.
– कितनी सजाः ये गैर-जमानती अपराध है. इसके तहत पहली बार दोषी पाए जाने पर 5 साल की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. जबकि, दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 7 साल की कैद और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा हो सकती है.
जमानती और गैर-जमानती में अंतर?
– कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर यानी आपराधिक प्रक्रिया संहिता में अपराधों को ‘जमानती’ और ‘गैर-जमानती’ में बांटा गया है.
– जमानती अपराध में जांच अधिकारी या पुलिस आरोपी को जमानत दे सकता है. अगर आरोपी जमानत की सारी शर्तें पूरी कर रहा हो, तो जांच अधिकारी उसे जमानत देने के लिए बाध्य है.
– गैर-जमानती अपराध में पुलिस जमानत नहीं दे सकती है. गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर आरोपी को मजिस्ट्रेट या कोर्ट में पेश किया जाता है और वहीं से उसे जमानत मिल सकती है.
Source : News18