मुजफ्फरपुर : कटरा स्थित स्वयंभू शक्तिपीठ मां चामुण्डा स्थान को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए पर्यटन विभाग ने डीएम से सहमति मांगी है। धार्मिक पर्यटन के रूप में विकास के लिए शक्तिपीठ की जमीन पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने के लिए कहा गया है। फिलहाल यह जमीन बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अधीन है।
बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के एमडी कंवल तनुज ने चामुण्डा स्थान के विकास के लिए पहल की है। इसके लिए उन्होंने डीएम प्रणव कुमार को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि चामुण्डा स्थान शक्तिपीठ का चयन धार्मिक पर्यटन स्थल के विकास के लिए किया गया है, लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि इसकी जमीन पर्यटन विभाग को हस्तांतरित की जाए। उन्होंने डीएम प्रणव कुमार से जमीन हस्तांतरण की स्वीकृति मांगते हुए उसका ब्योरा देने के लिए कहा है, ताकि विकास के लिए योजना बनायी जा सके।
एक एकड़ जमीन है चामुण्डा स्थान के पास : 52वें शक्तिपीठ के रूप में चिह्नित माता का यह स्थल स्वयंभू है। स्थानीय लोग भी नहीं जानते कि इस मंदिर की स्थापना कब हुई थी। मान्यता है, माता सीता बागमती व लखनदेई में स्नान के बाद यहां पूजा-अर्चना करती थीं। बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अधीन आने वाले इस शक्तिपीठ के पास अपनी एक एकड़ जमीन है। इसके अलावा इसके पीछे विकास के लिए जल संसाधन विकास विभाग की भी कुछ सरकारी जमीन उपलब्ध है। जिला प्रशासन यदि इसके हस्तांतरण की स्वीकृति दे देता है तो पर्यटन विभाग इसके विकास की योजना इसी साल पारित करने की तैयारी में है।
Source : Hindustan