हाय हाय रे ये मज़बूरी,तेरे सौ टकिए की नौकरी में मेरा लाखों का सावन जाए,,,,,चूडी मजा न देगी कंगन मजा न देगा, तेरे बगैर साजन सावन मजा न देगा,,,,,सावन का महीना और हरी साड़ी से लिपटी सुहागिन जब एक जगह जुटेंगी तो ठुमके भी लगेंगे।
कुछ ऐसा ही हुआ रविवार को आयोजित “हरीतिमा सावन महोत्सव” में स्थानीय कलमबाग चौक स्थित एक होटल में आयोजित महोत्सव में महिलाओं ने घर के काम काज में से खुद को आजाद कर अपने माहौल को खूब जीया।
सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर गणेश वन्दना घर पे पधारो गज़ानन्द जी,,,,के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की।
रैम्प वाक में सावन क्विन रश्मि प्रभात रंजन,फर्स्ट रनर अप अनामिका, सेकेंड रनर अप दीपा, डांस में अर्पिता, पुष्पांजलि चुनी गई। महिलाओं ने स्वछन्द होकर खूब मस्ती की। बावजूद अपनी परंपरा को नहीं छोड़ा। अरबा चावल,दूभी,सिंदूर, बिन्दी अंजुरी में ले रुपा सिंह ने सबके खोंईच्छा भर कर विदा किए।
संचालन कवियित्री मीनाक्षी मीनल ने किया। भूमिहार महिला समाज की ओर से आयोजित महोत्सव में कविता सिंह, सपना राज,डॉ सुभद्राकुमारी, डॉ बोधि कश्यप, पल्लवी दत्ता, भावना भूषण,मंजू सिंह, अनामिका सिंह, रश्मि सुमि,सोनी तिवारी, कोमल सिंह सहित सौ से अधिक महिलाओं ने भाग लिया।