फरीदाबाद. राजपूताना राइफल्स के 26 वर्षीय राइफलमैन मनोज कुमार भाटी उन चार सैनिकों में शामिल थे, जो गुरुवार तड़के जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सेना के एक शिविर पर आतंकवादी हमले में शहीद हो गए थे. फरीदाबाद के शाहजहांपुर गांव के मनोज कुमार भाटी के पिता बाबूलाल कुमार ने कहा कि ‘दुख तो है पर गर्व भी है कि मेरा बेटा देश के लिए शहीद हुआ. उन्होंने और उनके साथी शहीदों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया और यूनिट को बचाया… बचपन से ही सेना में शामिल होने का उनका सपना था. वह बहादुर था … शेर की तरह. उसने आमतौर पर उग्रवाद के बारे में कुछ भी नहीं बताया. वह हमसे रोजाना के जीवन के बारे में बात करता था.’
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक परिवार में चार भाई-बहनों में सबसे छोटे मनोज 27 मार्च, 2017 को सेना में शामिल हुए. उनकी नवंबर 2021 में शादी हुई थी और उनकी पत्नी नौ महीने की गर्भवती है. उनके बड़े भाई सुनील कुमार भाटी (34) भी सेना में हैं और पटियाला में 77 आर्मर्ड कॉर्प्स में नायक के रूप में तैनात हैं. सुनील ने कहा कि उसकी पत्नी का जीवन तबाह हो गया है. वह कुश्ती का शौकीन था और खाली समय में अपनी यूनिट में इसका रियाज करता था.’
सुनील ने बताया कि उनके ‘गांव के 100 से अधिक युवा सेना में हैं. हर घर में फौजी है यहां. इसके कई कारण हैं. जिनमें आंशिक रूप से नौकरियों की कमी और राष्ट्र सेवा की भावना एक बड़ा कारण है. इन गांवों की सड़कों पर सुबह के समय युवाओं को दौड़ते और सेना की नौकरी की तैयारी करते देखा जा सकता है. लेकिन यह पहली बार है, जब गांव का कोई जवान शहीद हुआ है.’ शहीद मनोज कुमार भाटी का परिवार कुछ सहायता की उम्मीद कर रहा है, ताकि उनकी विधवा और उनके अजन्मे बच्चे का भविष्य सुरक्षित हो सके.
Source : News18