पाकिस्तान में अक्सर हिंदू लड़कियों के अपहरण और उनके जबरन धर्मांतरण को लेकर खबरे सामने आती रही हैं. अब इस मामले में देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने हैरान करने वाली बात का खुलासा किया है. उन्होंने एक सम्मेलन में बोलते हुए यह स्वीकार किया है कि पाकिस्तान में युवा और गैर मुस्लिम लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है.
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक एक अल्पसंख्यक सम्मेलन में जनता को संबोधित करते हुए क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान ने गुरुवार को सिंद में हिंदू लड़कियों के जबरन धर्मांतरण की निंदा की.
याद दिलाई कुरान की आयत
कुरान की एक आयत को याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान में एक आयत है कि इस्लाम में कोई जबरदस्ती नहीं है. यह अल्लाह का हुक्म है और जो कोई किसी गैर मुस्लिम को जबरन धर्म परिवर्तन कराता है वह अल्लाह की अवज्ञा कर रहा है.
पाकिस्तान में यह पहली बार नहीं ही कि किसी राजनेता ने जबरन धर्मांतरण के मुद्दे पर टिप्पणी की है लेकिन इसके मामले पड़ोसी मुल्क में आए दिन सामने आ रहे हैं.
पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण की कई खबरें आई हैं, विशेष रूप से अल्पसंख्यक हिंदू लड़कियों के. लेकिन पाकिस्तान की सरकारें और राजनेता हमेंशा ही इस मामले पर चुप रहे और इस मुद्दे को हल करने के लिए कभी भी काम नहीं किया.
सरकार ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक को नहीं दी अनुमति
पिछले साल अक्टूबर में, एक संसदीय समिति ने अल्पसंख्यक समुदायों के विधायकों के विरोध के बावजूद धार्मिक मामलों के मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित कानून का विरोध करने के बाद संसद में जबरन धर्मांतरण विरोधी विधेयक लाने की अनुमति नहीं दी थी.
2017 की जनगणना के अनुसार पाकिस्तान की कुल आबादी में हिंदू आबादी का कुल हिस्सा 2 प्रतिशत है, इसमें एक लगभग 90 प्रतिशत लोग भारत की सीमा से लगे सिंध प्रांत में रहते हैं.
धार्मिक स्वतंत्रका के उल्लंघन को लेकर पिछले साल संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान को विशेष चिंता वाले देशों की सूची में डाल दिया था. जबरन धर्मांतरण के खिलाफ पिछले साल सिंध सरकार ने इसे दंडनीय अराध घोषित कर दिया था लेकिन क्षेत्र के राज्यपाल ने इस कानून को मान्यता देने से इनकार कर दिया था.
Source : News18