ब्रह्मपुरा के पमरिया टोला की अपहृत बच्ची खुशी को बरामद करने में एसआईटी भी अबतक नाकाम है। किसी भी आरोपित का अबतक पॉलीग्राफ टेस्ट तक नहीं हो पाया है। पुलिस की कार्रवाई एक आरोपित को जेल भेजने से आगे नहीं बढ़ी है।
खुशी के परिजनों का आरोप है कि एसआईटी की छापेमारी केवल कागजों पर हो रही है। दो माह पूर्व हाईकोर्ट ने पुलिस को इस केस को गंभीरता से लेने का आदेश दिया था। इसके बाद एसएसपी ने एसआईटी का गठन किया था। इसमें प्रशिक्षु डीएसपी सियाराम यादव के अलावा डीआईयू के प्रभारी को भी शामिल किया गया था, लेकिन खुशी को बरामद नहीं किया जा सका है। केस के आईओ को भी बदल दिया गया था। इस केस की जांच ब्रह्मपुरा थानेदार अनिल कुमार गुप्ता कर रहे हैं। डेढ़ साल पूर्व हुई घटना में पुलिस की सुस्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी अनुसंधान में तेजी नहीं आयी।
एसएसपी को दो हफ्ते में देना है हलफनामा
खुशी के पिता राजन साह ने बताया कि बेटी को खोने का गम क्या होता है, वे ही जानते हैं। बेटी को देखने के लिए आंखें पथरा गई हैं। हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर पुलिस से कहा था कि क्यों न इस केस की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए। यदि सीबीआई जांच होती है तो बेटी के बरामद होने की उम्मीद है।
खुशी को बरामद करने को लेकर हरसंभव कोशिश की जा रही है। एसआईटी तेजी से केस का अनुसंधान कर रही है।-जयंतकांत, एसएसपी
Source : Hindustan