मुंबई: मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर कई लोगों की जान बचा चुके चेतन कदम सड़क हादसे में अपनी ही जिंदगी की जंग हार गए. मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर बुधवार तड़के एक कार ने सड़क पर खड़ी तीन कारों और एक एम्बुलेंस को टक्कर मार दी, जिससे 5 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में ही पुल पर टोल बूथ का प्रबंधन करने वाली निजी कंपनी में काम करने वाले चेतन कदम की मौत हो गई. कुछ सालों पहले चेतन कदम को सड़क हादसे में एक लड़की की जान बचाने के लिए सम्मानित किया गया था. इतना ही नहीं, उन्होंने बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर आत्महत्या करने वाले कई लोगों की जान बचाई थी.
मुंबई सी लिंक पर काम करने वाले 36 वर्षीय चेतन कदम सिक्योरिटी सुपरवाइजर थे. चेतन कदम के बचपन के दोस्त प्रमोत सावंत ने कहा कि कदम 2009 से ही नाइट ड्यूटी करते थे और हादसों के अधिकांश कॉल्स को वही हैंडल करते थे. मगर आज वह खुद हादसे का शिकार हो गए. बता दें कि यह हादसा पश्चिमी उपनगर के बांद्रा को दक्षिण मुंबई के वर्ली से जोड़ने वाले सी लिंक पुल पर खंभा संख्या 76 और 78 के बीच तड़के करीब तीन बजे हुआ, जो बांद्रा में पश्चिमी उपनगर को दक्षिण मुंबई में वर्ली से जोड़ता है.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, कदम के एक पूर्व सीनियर सुपरवाइजर राजेश केदार ने कहा, ‘वह अपनी सूझबूझ से उन लोगों का ध्यान भटकाने में माहिर थे, जो सी लिंक से कूदकर आत्महत्या करना चाहते थे. जब चेतन कदम ने अपना करियर शुरू किया तो उन्होंने वर्ली में एक लड़की की जान बचाई थी और तत्कालीन पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक ने उन्हें सम्मानित किया था. इसके बाद उन्होंने कई लोगों की जान बचाई. वह दुर्घटनाग्रस्त कारों से पीड़ितों को निकालने और उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराने में भी पीछे नहीं हटते थे.’
उनके बारे में कहा जाता है कि बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर सुसाइड का कोई भी मामला सामने आने पर आत्महत्या करने वाले को रोकने के लिए चेतन कदम को ही मौके पर बुलाया जाता था. वह अपनी सूझबूझ से आत्महत्या के प्रयासों को रोक दिया करते थे. सिंधुदुर्ग के कुदाल के मूल निवासी कदम के परिवार में उनकी पत्नी, उनका तीन साल का बेटा और उनकी मां हैं. वह एनसीपी की युवा शाखा के उपाध्यक्ष थे और उन्होंने एक गैर-लाभकारी युग प्रवर्तक प्रतिष्ठान की स्थापना की थी, जो मुफ्त एम्बुलेंस सेवाएं प्रदान करता है.
दरअसल, दुर्घटना की फुटेज सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक कार ने पुल पर दूसरी कार को टक्कर मार दी और और एक एम्बुलेंस व वैन को सहायता के लिए घटनास्थल पर भेजा गया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक अन्य कार में सवार यात्रियों ने यह देखा और मदद के लिए घटनास्थल पर रुक गए. इस दौरान पीछे से तेज गति से आ रही एक अन्य कार ने इन तीन खड़ी कारों और एम्बुलेंस को टक्कर मार दी.
पुल पर टोल बूथ का प्रबंधन करने वाली कंपनी ‘रोडवेज सॉल्यूशन इंडिया इन्फ्रा लिमिटेड’ के संचालन व रखरखाव महाप्रबंधक संजीव झा ने कहा कि हादसे में जान गंवाने वाले लोग उनकी कंपनी के लिए काम करते थे. उन्होंने बताया कि जब पहली दुर्घटना हुई तो वे घटनास्थल पर पहुंच गए थे. मृतकों की पहचान राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले सत्येंद्र फौजदार, मध्य प्रदेश के गजराज सिंह, राजेंद्र राजपूत, चेतन कदम और एम्बुलेंस चालक सोमनाथ साल्वे (32) के रूप में हुई है.
वर्ली पुलिस ने दुर्घटना में जिम्मेदार कार को चलाने वाले आरोपी बिल्डर इरफान बिलकिया (40) को गिरफ्तार किया है, जो अन्य चार वाहनों से टकरा गई थी. आरोपी को निजी अस्पताल से गिरफ्तार किया गया जहां उसे दुर्घटना के बाद भर्ती कराया गया था. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम इस बात का पता लगा रहे हैं कि दुर्घटना के समय वह मादक पदार्थ या शराब के नशे में था या नहीं. उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304-ए (लापरवाही से मौत) और अन्य अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया है. (इनपुट भाषा)