बगहा. वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के जंगल से निकलकर आस पास के गांवों में आम लोगों को अपना शिकार बनाने वाले आदमखोर बाघ को आखिरकार मार गिराया गया. अब तक 9 लोगों की जान ले चुके नरभक्षी बाघ को करीब 7 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद शनिवार को बिहार पुलिस के शूटरों ने मार गिराया. बता दें, बगहा इलाके में आतंक का पर्याय बना चुका यह नरभक्षी बाघ अब तक किसी तरह से काबू में नहीं आ रहा था, जिसके बाद आखिरकार वन पर्यावरण विभाग ने बाघ को मारने का निर्देश दिया था. इस बाघ की तलाश हाथियों के सहारे की जा रही थी. अब बाघ के मारे जाने के बाद बगहा में आदमखोर बाघ के दहशत अंत हुआ.

बता दें, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने शुक्रवार को ही नरभक्षी बाघ को मारने के लिए शूटर की टीम गठित की थी. फॉरेस्ट विभाग और बगहा पुलिस की टीम ने साथ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है. बीते, 12 सितंबर से लगातार इस आदमखोर बाघ का आतंक जारी था. वन विभाग को रेस्क्यू करने में अब तक सफलता नहीं मिल सकी थी जिसकी लिखित सूचना एनटीसीए को दे दी गई है. दरअसल, बगहा क्षेत्र में ही अब तक 9 लोगों को यह अपना शिकार बना चुका था.

हर जगह एक ही आवाज आ रही थी- भागो बाघ आया

इस नरभक्षी बाघ का शिकार बन जाने से बगहा के जंगल किनारे बसे गांवों में आज हर ओर दहशत और भय का माहौल कायम हो गया था. हर जगह एक ही आवाज आ रही थी- भागो बाघ आया. दिन हो या फिर रात, बाघ की चहलकदमी ने ग्रामीणों के साथ वनकर्मियों की भी नींद उड़ा रखी थी. खेतों में ग्रामीण जाने से परहेज कर रहे थे और गांवों में लोग घर से भी झुंड बनाकर निकल रहे थे. वहीं ग्रामीण इसके विरुद्ध गोलबंद होकर वन विभाग के खिलाफ विरोध भी जता रहे थे. इस बीच स्थानीय निवासियों में आक्रोश को देखते हुए आदमखोर बाघ को मारने का आदेश दे दिया गया था.

Source : News18

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