शिक्षा के क्षेत्र में शीर्ष पर रहने वाला आकांक्षी जिला मुजफ्फरपुर अगस्त महीने में 84वें पायदान पर पहुंच गया है। दिसंबर 21 से लेकर मार्च 22 तक जिले की रैंकिंग पहले से लेकर दूसरे नंबर पर देशस्तर पर रही है। अगस्त की रैंकिंग अभी जारी की गई है।

इसमें शिक्षा के क्षेत्र में 84वां स्थान जिले का है। जुलाई में दो नए इंडिकेटर जोड़े गए, जिसमें मैट्रिक और इंटर के 60 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले बच्चों की संख्या की रिपोर्ट भी जिले से भेजी गई। आकांक्षी जिले को लेकर मुजफ्फरपुर में काम कर रहे मो. अकरम ने बताया कि यह रिपोर्ट बिहार बोर्ड से जारी आंकड़ों के आधार पर भेजी गई है। आठ इंडिकेटर है, जिसमें अलग-अलग बिन्दु पर रिपोर्ट के अनुसार ग्रेडिंग की जाती है। अप्रैल के बाद जिले की ग्रेडिंग लगातार नीचे आई है।

60 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले छात्रों का आंकड़ा

मैट्रिक में इस साल 75166 बच्चे शामिल हुए थे। इसमें से 15005 बच्चों को 60 फीसदी से अधिक अंक आया। इसी तरह इंटर में 55505 बच्चे शामिल हुए जिसमें से 10228 को 60 फीसदी से अधिक अंक आया।

10वीं में 20 व 12वीं में 18 ही ला पाते हैं 60 फीसदी अंक

10वीं में 20 और 12वीं में 18 विद्यार्थी ही 60 फीसदी अंक ला पाते हैं। इन दोनों परीक्षाओं में 60 से अधिक अंक लाने वालों की संख्या से अब जिलों की ग्रेडिंग होगी। शिक्षा के क्षेत्र में मैट्रिक व इंटर में प्रथम श्रेणी लाने वाले बच्चों की संख्या ग्रेडिंग की दिशा तय करेगी। आकांक्षी जिलों के लिए नीति आयोग ने शिक्षा के क्षेत्र में दो नए इंडिकेटर जोड़े हैं। नीति आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में जिले में 687 स्कूल ऐसे हैं जहां आरटीई के तहत बच्चों की संख्या के अनुपात में शिक्षक नहीं हैं। स्कूलों में शौचालय और बिजली की स्थिति को लेकर भी ग्रेडिंग नीचे आई है।

Source : Hindustan

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