प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (पीएमइजीपी) और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) और मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत गुरुवार को 188 उद्यमियों को 13.465 करोड़ की राशि ऋण के रूप में उपलब्ध कराई गई। जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र में आयोजित ऋण मेले की अध्यक्षता शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव सह जिले के प्रभारी सचिव दीपक कुमार सिंह ने की।

इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी प्रणव कुमार, उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित, उपविकास आयुक्त आशुतोष द्विवेदी, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक धर्मेंद्र कुमार सिंह शामिल थे।अपर मुख्य सचिव ने उद्यमियों से कहा कि लोन तभी लें, जब आपकी तैयारी पूरी हो गई हो। कई उद्यमी लोन लेकर उसका सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाते हैं और डिफॉल्टर घोषित हो जाते हैं। इससे बैंकों का एनपीए तो बढ़ता ही है, बाद में उन्हें जब उद्यम के लिए ऋण की आवश्यकता होती है, तब उसका लाभ नहीं मिल पाता है। डीएम ने कहा कि यहां लीची प्रोसेसिंग यूनिट को बढ़ावा मिलना चाहिए। पीएमइजीपी और पीएमएफएमई के तहत लक्ष्य की अपेक्षा ऋण के काफी आवेदन लंबित हैं। बैंकों को इसमें सुधार लाने की जरूरत है। उद्योग निदेशक ने कहा कि ऋण मेले का आयोजन आगे भी होते रहना चाहिए।

मौके पर अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक बीके पांडेय, एसबीआई के डीजीएम रंजन कुमार नाइक, बैंक ऑफ बड़ौदा के डीजीएम डॉ. सुरेश चिदंबरम, इंडियन बैंक के बिहार-झारखंड के क्षेत्रीय महाप्रबंधक अमरेन्द्र कुमार शाही, डीजीएम रेशम लाल चराया व विनोद कुमार सिंह, केनरा बैंक के एजीएम रविंद्र प्रसाद, बैंक ऑफ इंडिया के एजीएम मो. शहाबुद्दीन व पीएनबी के एजीएम संजय सिन्हा मौजूद थे।

कार्यक्रम के दौरान 40 जीविका दीदियों को शेडों के आवंटन के लिए लीव एंड लाइसेंस एग्रीमेंट की प्रति भी बियाडा ने उपलब्ध कराई। साथ ही इन सभी के जीएसटी निबंधन के लिए आगे की कार्रवाई त्वरित रूप से करने का निर्देश बियाडा उपमहाप्रबंधक को उद्योग निदेशक ने दिया।

Source : Hindustan

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