जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और एक अहम टिप्पणी की है. SC में जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि ये एक बहुत ही गंभीर मामला है. सभी को धर्म चुनने का अधिकार है लेकिन जबरन धर्मांतरण से नहीं. ये बहुत ही खतरनाक है. सुप्रीम कोर्ट अब 28 नवंबर को इस मामले पर अगली सुनवाई करेगा.
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता सरकार का पक्ष रखें. हम इस पर उनको सुनेंगे. जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि ये देश की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है. अगर कोई स्वेच्छ से धर्मांतरण करता है तो उसमें कोई समस्या नहीं है, लेकिन अगर उनको किसी भी दूसरे ढंग से धर्मांतरण कराया जाता है तो इस पर केंद्र सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना होगा.
सॉलिसिटर जनरल ने कहा- हम 21 नवंबर को इस मामले में जवाब दाखिल करेंगे
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस संबंध में कदम उठाने पड़ेंगे. इस पर SG ने कहा कि 21 नवंबर तक इस पर हम अपना जवाब दाखिल करेंगे. केंद्र सरकार का यह कहना था कि जो लोग इसके शिकार बनाए जा रहे हैं उनको खुद नहीं पता है कि हेल्प के नाम पर उनके साथ धोखा हो रहा है.
जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कानून बनाने की मांग
बताते चलें कि याचिका में केंद्र और राज्यों को जबरन या धोखाधड़ी के जरिए धर्मांतरण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के लिए कानून बनाने की मांग की गई है. इस याचिका पर जस्टिस शाह और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच सुनवाई कर रही है. याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा यह समस्या पूरे देश में है.
Source : Aaj Tak