शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा से बंदी को जमानत पर छोड़ने में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। हथौड़ी थाना से आर्म्स एक्ट व बाइक चोरी के साथ गिरफ्तार गुड्डू कुमार की कोर्ट से बेल हुई थी, लेकिन जेल प्रशासन ने अहियापुर थाना से मादक पदार्थ और आर्म्स एक्ट में बंद गुड्डू कुमार को मुक्त कर दिया। जमानत कराने वाले वकील ने इस बारे में आपत्ति की, तब इसका खुलासा हुआ।
मिठनपुरा थानेदार श्रीकांत सिन्हा ने एफआईआर के हवाले से बताया कि हथौड़ी पुलिस ने बीते 25 मई को मीनापुर थाना के शंकरपुर गांव निवासी रामदेव सहनी के पुत्र गुड्डू कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बीते 23 नवंबर को उसकी कोर्ट से जमानत हो गई। रिलीज ऑर्डर आने के बाद बंदी को मुक्त करने के लिए जेल में नाम पुकारा गया। इसके बदले मीनापुर थाने के शंकरपुर गांव निवासी धनेश्वर राय का पुत्र गुड्डू कुमार जेल गेट पर पहुंचा। पूछताछ के बाद उसे ही जेल से मुक्त कर दिया गया। जब रामदेव सहनी के पुत्र गुड्डू के वकील ने आपत्ति की तब खलबली मच गई।
जांच-पड़ताल में पता चला कि जिस गुड्डू कुमार को मुक्त किया गया था, वह अहियापुर थाने में बीते 19 सितंबर को पिस्टल और गांजा के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। उसकी बेल अभी नहीं हुई है। अब जमानत पर छूटे रामदेव सहनी के पुत्र गुड्डू कुमार से मिठनपुरा पुलिस पूछताछ करेगी। वहीं, जेल से छूटने के बाद अहियापुर थाने का आरोपित गुड्डू फरार चल रहा है। बताया जाता है कि जेल में हर बंदी का पहचान चिह्न लिखा जाता है। जिस गुड्डू को बेल पर छोड़ा गया, उसके चिह्न का मिलान नहीं किया गया। रिलीज आदेश कांड संख्या के साथ आता है। दोनों का पता समान था, पर पिता का नाम अलग-अलग था। इन बिंदुओं पर भी ध्यान नहीं दिया गया।
जेल प्रशासन ने मंगलवार को मिठनपुरा थाने में इस फर्जीवाड़े की एफआईआर दर्ज कराई है। जेल प्रशासन ने इसमें दोनों बंदियों को नामजद आरोपित बनाया है। हालांकि, जेल से बंदी को मुक्त करने के प्रक्रिया में खुद जेल की लापरवाही सामने आ रही है।
Source : Hindustan