चीन के नापाक इरादे अब अब देश पर कभी भी फायर नहीं हो सकेंगे। ड्रैगन के किसी भी आक्रमण को असफल करने के लिए भारतीय सेना की तैयारी पूरी जोरों पर है। उत्तराखंड बॉर्डर पर अमेरिकी सेना के साथ मिलकर भारतीय सेना ने युद्धाभ्यास किया। भारत के रणबांकुरों ने हर बारीकियों पर नजर डालते हुए अपने रण कौशल को पहले से भी ज्यादा बेहतर किया।
भारतीय सैनिकों ने युद्धाभ्यास एक प्रशिक्षित ‘चील’ को भी प्रदर्शित किया। यह चील दुश्मनों के ड्रोन के लिए घातक साबित होगी। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित ऊंचाई वाले ‘औली’ में बहादुर सैनिकों ने जमकर पसीना बहाया। युद्धाभ्यास के दौरान, एमआई-17 (MI-17) हेलीकॉप्टर से स्लीथरिंग ऑपरेशन का भी प्रयास किया।
#WATCH | #IndianArmy demonstrates the capability of the trained Kite to take down small drones at Auli in Uttarakhand
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— Hindustan Times (@htTweets) November 29, 2022
चीन बॉर्डर से महज 100 किमी की दूरी पर हेलीकॉप्टर से रस्सी के सहारे उतरते हुए सैनिकों ने स्लीथरिंग पर खूब मेहनत की। दोनों देशों के सैनिकों ने हथियारों के बिना ही दुश्मनों को मात देने के गुर भी आपस में साझा किए। युद्धाभ्यास के दौरान, सैनिकों ने एक दूसरे की कमजोरियों के साथ ही ताकत पर भी चर्चा की।
कैसे किसी भी देश के आक्रमण को नेस्तनाबूद किया जाए, इसपर भी सैनिकों ने रणनीति बनाई। मालूम हो कि उत्तराखंड के 13 जिलों में से पिथौरागढ़, चमोली, और उत्तरकाशी जिले चीन बॉर्डर से लगते हैं। उत्तराखंड के चीन बॉर्डर से लगे जिलों में इससे पहले भी सेना युद्धाभ्यास कर चुकी है।
Source : Hindustan