बिहार में अन्य राज्यों में रजिस्टर्ड गाड़ी चलाने के लिए 30 दिन तक की ही छूट प्राप्त है। आप इससे अधिक चलाते पकड़े जाते हैं तो 5000 रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा। यदि आप बिहार में गाड़ी चलाना चाहते हैं तो यह जरूरी है कि राज्य का स्थाई नंबर हो। ऐसा नही करने पर जुर्माना भरना पड़ सकता है।इसके लिए हर शनिवार और रविवार को विशेष अभियान चलाया जायेगा। इसलिए आपको इस जुर्माने से बचने के लिए यहां का रजिस्ट्रेशन नंबर लेकर बचे साल का ही टैक्स जमा करना पड़ेगा। जिस राज्य में आपने गाड़ी ली है वहां से एनओसी मिलने के बाद एक-दो दिन के अंदर आपको बिहार का रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा। जिस राज्य से आपने गाड़ी खरीदी है, वहां क्लेम करने पर शेष साल का टैक्स वापस मिल सकता है। जैसे अगर आपने दिल्ली में गाड़ी खरीदी है और पांच साल तक वहां चला चुके हैं और अब बिहार में चलाना चाहते हैं तो आपको बिहार में 10 साल का टैक्स जमा करना पड़ेगा। साथ ही 10 साल का टैक्स वापस लेने के लिए दिल्ली परिवहन विभाग से क्लेम कर सकते हैं। प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको वहां से रिफंड मिल जाएगा।
बता दें कि एक राज्य से दूसरे राज्य में लगातार सफर करने वाले लोग भारत सीरीज का नंबर ले सकते हैं।यह नंबर 48 महीने के लिए मिलता हैं।इस सीरीज का नंबर 10-15 साल के लिए नहीं मिलेगा। हर 48 महीने के बाद आपको टैक्स जमा करना पड़ेगा। पहली बार जिस राज्य में वाहन खरीदते हैं, उसी राज्य में बीएच नंबर लेते समय टैक्स आप टैक्स दे दें। इसके बाद दूसरे राज्य में परिचालन करते हैं, ताे वहां टैक्स जमा करना पड़ेगा। सेना, रक्षा मंत्रालय और केंद्रीय विभाग के अलावा निजी या सेमी सरकारी कार्यालय जिनके देश में कम से कम चार राज्यों में कार्यालय हैं। उनके कर्मी अपने वाहनों का बीएच सीरीज में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
गौरतलब है कि मोटर वाहन कानून में यह प्रावधान हैं कि व्यक्ति अपने निवास स्थान से दूसरे जगह जाकर गाड़ी चलाते हैं तो 30 दिन के बाद उन्हें टैक्स जमा करना पड़ेगा वरना वाहन परिचालन अवैध माना जायेगा व उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा।