बिहार: राज्य में जनवितरण प्रणाली विक्रेता एक जनवरी से हड़ताल पर हैं। इस वजह से 8 करोड़ 71 लाख गरीब राशन से वंचित है। हालांकि खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। सचिव विनय कुमार ने सभी जिले के जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर कहा है कि जो दुकानदार राशन नही बांट रहे उनका लाइसेंस निरस्त किया जाए।
सचिव विनय कुमार ने सभी जिले के डीएम से कहा है कि लाभुकों को खाद्यान्न उपलब्ध नहीं कराया जाना जनवितरण प्रणाली अधिनियम की धारा 24(2) एवं बिहार लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2016 का उल्लंघन है।इसलिए खाद्यान्न वितरण नहीं करने वाले दुकानदारों को चिह्नित किया जाए और कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए, उन सभी का लाइसेंस रद्द किया जाए।
वहीं दूसरी तरफ जनवितरण प्रणाली दुकानदार हड़ताल पर अड़े हुए हैं। उन्होंने 10 जनवरी को पटना में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
एक जनवरी से हड़ताल पर है राशन डीलर
गौरतलब है कि राशन डीलर एक जनवरी से हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल में फेयर प्राइस डीलर एसोसिएशन संयुक्त मोर्चा के चारों गुट शामिल हैं। जिस कारण हड़ताल का असर सभी जिलों में दिखाई दे रहा है। इस वजह से लाभुकों के सामने अनाज का संकट उत्पन्न हो गया है तो राशन का बंटना पूरी तरह से ठप हो गया है। इस मामले में डीलर एसोसिएशन का कहना है कि अभी सिर्फ दो फीसदी अनाज ही बंटा है। सभी जिलों में जनवितरण प्रणाली विक्रेता पॉश मशीन जमा कर प्रदर्शन कर रहे हैं।
मालूम हो कि राज्य में गरीबों के बीच नवंबर तक का राशन बंटा है। नवंबर तक का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का अनाज लाभुकों को दिया गया है। जबकि दिसंबर में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अनाज का साठ फीसदी उठाव हो गया। इसके बाद केंद्र सरकार के तरफ से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मिलने वाले मुफ्त अनाज को 31 दिसंबर के बाद बंद करने की घोषणा कर दी गई। साथ ही लाभुकों को जनवरी से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मुफ्त अनाज देने का निर्णय लिया गया, परंतु यह अनाज लाभुकों को प्राप्त नही हो सका है।
आठ सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर गए पीडीएस डीलर
इस मामले को लेकर एसोसिएशन का कहना है कि दस जनवरी को पटना में प्रदर्शन किया जाएगा। दिसंबर का उठाव के बाद वितरण नहीं होने से डीलरों को मार्जिन मनी का घाटा हुआ है। इसके अलावा उन्होंने आठ सूत्री मांग की है। जिसमें तीस हजार रुपये मानदेय, मार्जिन मनी बढ़ाकर 90 रुपये से 300 रुपये करने, पहले की तरह अनुकंपा पर नियुक्ति, राज्य खाद्य निगम के गोदाम में इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन लगाना आदि शामिल है।