जेडीयू और आरजेडी के बीच जारी तकरार और नेताओं की बयानबाजी से बिहार में चर्चा शुरू हो गई है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर पलट सकते हैं। वे महागठबंधन छोड़कर बीजेपी के साथ जा सकते हैं। पूर्व डिप्टी सीएम नेता सुशील कुमार मोदी से जब पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार को बीजेपी एक बार फिर से साथ लेगी? तो उन्होंने भी इनकार नहीं किया।
“नीतीश जी, पलटने की उनकी एक आदत है, फिर एक बार लालू यादव को उन्होंने धोखा दिया है…”
बिहार के मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए सुशील मोदी ने उपेंद्र कुशवाहा के उठाए मुद्दों को सही बताया, कहा: नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए, कोई डील हुई है या नहीं।#NitishKumar | @SushilModi pic.twitter.com/Ewy6c5b82f
— Bihar Tak (@BiharTakChannel) January 24, 2023
बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को साथ लेने ना लेने का अभी कोई सवाल नहीं है। क्योंकि वह यह फैसला लेने के लिए सक्षम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कोई राज्य इकाई किसी बड़े नेता को शामिल कराने के लिए सक्षम नहीं है। यह मामला केंद्रीय स्तर पर होता है कि कौन आएगा कौन नहीं आएगा। इस राजनीति में कोई नहीं जानता है।
सुशील मोदी ने आगे कहा कि यही नीतीश कुमार तीन बार बीजेपी के साथ आ चुके हैं और तीन बार जा चुके हैं। यही लालू यादव 1990 में समर्थन लेने आए थे और हमारे समर्थन से सरकार बनी थी। आज देश में टीडीपी से लेकर ममता बनर्जी, शायद ही कोई क्षेत्रीय दल होगा जिसने कभी न कभी बीजेपी की मदद ली है। जब ये गठबंधन से बाहर चले जाते हैं तो गालियां देते हैं। इसलिए कौन आएगा कौन जाएगा, यह तो भविष्य बताएगा।
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार पलटने में माहिर हैं। लालू यादव से जो बातें तय हुई थी उससे भी पलट गए हैं। पलटने में नीतीश का कोई जोड़ नहीं। सुशील ने आगे कहा कि नीतीश स्वाभिमान सभा करते हैं, जबकि वे कुर्सी बचाने के लिए बार-बार स्वाभिमान से समझौता कर रहे हैं।
बता दें कि 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जेडीयू और बीजेपी साथ मिलकर लड़ी थी। अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़ दिया और आरजेडी-कांग्रेस समेत अन्य दलों से हाथ जोड़ लिया। इसके बाद उन्होंने महागठबंधन के नेतृत्व में सरकार का गठन किया और बीजेपी विपक्ष में आ गई। हालांकि, अब महागठबंधन में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। विभिन्न मुद्दों पर आरजेडी और जेडीयू के नेताओं के बीच तकरार देखने को मिल रही है। मगर नीतीश कुमार कई बार कह चुके हैं कि वे अब मरते दम तक एनडीए में नहीं जाएंगे।
Source : Hindustan