विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधनोम घेभ्रेसस ने कहा है कि पिछले आठ हफ्तों में कोविड-19 की वजह से 1.70 लाख लोगों की मौत हुई है. ये वो आंकड़ें हैं जिनकी रिपोर्ट पता चली है. हमें पता है कि असली संख्या इससे कहीं ज्यादा होगी.
WHO के इंटरनेशनल हेल्थ रेगुलेशन इमरजेंसी कमेटी ने कहा कि इंसानों और जानवरों के बीच से इस कोविड-19 के कोरोनावायरस को खत्म करना लगभग नामुमकिन है. ये हो सकता है कि हम इसके भयानक नतीजों को कम कर सकें. लोगों की मौत कम कर सकें. लोगों को इससे संक्रमित होने से बचा सकें. लेकिन यह महामारी ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी बनी रहेगी.
कमेटी ने देखा है कि पूरी दुनिया भर के हेल्थ सिस्टम कोविड-19 से संघर्ष कर रहे हैं. इसके चलते अन्य बड़ी बीमारियों पर भी ध्यान देना मुश्किल हो रहा है. क्योंकि कोविड को अब भी प्रमुखता से लिया जा रहा है. कोविड-19 महामारी के चलते पूरी दुनिया का हेल्थ सिस्टम बिगड़ा है. मेडिकल वर्कफोर्स यानी चिकित्साकर्मियों की कमी महसूस की गई है.
Last Friday the @WHO Emergency Committee met to consider whether #COVID19 remains a Public Health Emergency of Intl. Concern. In their view, the outbreak remains a global health emergency, and I agree. This morning, I updated the #EB152 on the way forward. https://t.co/LNH6n5s0jd pic.twitter.com/p0QTo0mV1S
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) January 30, 2023
और क्या चेताया WHO के प्रमुख ने
टेड्रोस अधनोम घेभ्रेसस ने कहा कि मेरा संदेश स्पष्ट है. कोरोनावायरस को कमतर समझना बड़ी भूल हो सकती है. यह लगातार हमें सरप्राइज कर रहा है. यह लगातार हमें मारने का प्रयास करता रहेगा. इसलिए हमें ज्यादा मेडिकल टूल्स और मेडिकल स्टाफ की जरुरत है. यह वायरस हम इंसानों और जानवरों में बस चुका है. अब यह कई पीढ़ियों तक खत्म होने वाला नहीं है. इसलिए सबसे बड़ी जरूरत है सही वैक्सीन और ज्यादा वैक्सीनेशन की. ताकि लोगों को इम्यूनिटी दिलाई जा सके.
भारत में क्या थी स्थिति, अब कैसे हैं हालात
30 जनवरी 2020 को भारत में कोरोना का पहला मामला सामने आया था. तब से अब तक भारत में कोरोना के करीब साढ़े चार करोड़ मरीज सामने आ चुके हैं. अच्छी बात ये है कि लगभग 99 फीसदी कोरोना से ठीक भी हो गए. भारत में तीन साल में कोरोना का तीन लहरें आईं. पहली लहर ने डराया. दूसरी ने रुलाया और तीसरे तक हम संभल गए थे.
भारत में कब-कब आई कोरोना की लहरें
पहली लहरः देश में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी 2020 को केरल में सामने आया था. पहली लहर का पीक 17 सितंबर 2020 को आया था. उस दिन करीब 98 हजार केस सामने आए थे. 10 फरवरी 2021 से पहली लहर कमजोर हुई और मामले कम होने लगे. पहली लहर करीब 377 दिन तक चली थी. इस दौरान 1.08 करोड़ मामले सामने आए थे और 1.55 लाख मौतें हुई थीं. हर दिन औसतन 412 मौतें हुईं.
दूसरी लहरः मार्च 2021 से ही संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे. अप्रैल और मई में दूसरी लहर अपने चरम पर थी. 1 अप्रैल से 31 मई यानी 61 दिन तक कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई. इस दौरान 1.60 करोड़ नए मरीज मिले. 1.69 लाख लोगों की मौत हुई. यानी हर दिन औसतन 2,769 मरीजों की मौत हुई. दूसरी लहर का पीक 6 मई 2021 को आया था. तब एक दिन में 4.14 लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे.
तीसरी लहरः ओमिक्रॉन की वजह से देश में तीसरी लहर की शुरुआत हुई. 27 दिसंबर 2021 से तीसरी लहर शुरू हुई. 21 जनवरी को इसका पीक आया. उस दिन 3.47 लाख मामले सामने आए थे. फिर संक्रमण कम होने लगा. तीसरी लहर संक्रामक थी लेकिन जानलेवा नहीं थी. मात्र महीनेभर में ही तीसरी लहर में भारत में 50.05 लाख नए मरीज मिल चुके थे. जबकि, 10 हजार 465 लोगों की मौत हुई थी.
अमेरिका के बाद बड़ा दर्द झेला भारत ने
मेरिका के बाद भारत दुनिया का दूसरा ऐसा देश है जहां कोरोना की सबसे बुरी मार पड़ी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 30 जनवरी से अब तक देश में कोरोना के 4.46 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इस दौरान 5.30 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
क्या कहते हैं WHO की कमेटी के सदस्य
ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिर्सिटी के इमरजेंसी कंसलटेंट डेविड काल्डीकोट ने कहा कि हमें आगे के लिए सोचना होगा. खासतौर से चिकिस्ताकर्मियों के लिहाज से भी. क्योंकि वो कोविड-19 का सामना सबसे पहले करते हैं. वायरस के संक्रमण जोन में सबसे ज्यादा रहते हैं. फिजिशियन करीना पॉवर्स ने कहा कि हमारे पास चिकित्साकर्मियों की कमी है.
करीना ने कहा कि यह जरूरी है कि हम पूरी दुनिया को कहें कि वो अपने मेडिकल स्टाफ को बढ़ाएं. क्योंकि इस कोविड-19 दुनिया की सबसे ज्वलंत समस्या है. अगर मेडिकल टीम ही नहीं होगी तो अगली पीढ़ी को न बचा पाएंगे. न ही उन्हें इस बीमारी को लेकर जागरूक कर पाएंगे. अमेरिका में इस समय हर दिन लगभग 500 मौतें कोविड की वजह से हो रही है.
Source : Aaj Tak