बिहार में रहकर ‘बिहारी’ से ऐसी घृणा उस राज में हो रहा है, जिस राज्य के मुखिया बिहारियों के लिए झंडे गाड़ने की बात खुले मंचों से करते आ रहे हैं। अब सीधे इस खबर पर आते हैं। गुरुवार का सूर्योदय होने से पहले बिहार के चर्चित IPS अधिकारी IG विकास वैभव ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्हें होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज की कमांडेंट जनरल और DG लगातार प्रताड़ित कर रही हैं। लगातार ‘बिहारी’ कहकर गालियां देती हैं। मां-बहन की गालियां दे रही हैं। इस बारे में सुबह करीब पौने 9 बजे DG शोभा अहोटकर को प्रतिक्रिया के लिए कॉल किया गया, लेकिन रिसीव नहीं हुआ। मैसेज दिया गया। फिर कार्यालय अवधि में भी कॉल नहीं उठा। इधर, IG विकास वैभव ने इस बारे में कुछ बोलने से इनकार किया।
प्रेरणास्रोत बने IPS अफसर 114 दिन से बर्दाश्त कर रहे
लेट्स इंस्पायर बिहार के जरिए बिहार के युवाओं को बिहारी अस्मिता की याद दिलाते हुए भविष्य सुधारने के लिए प्रेरित कर रहे सीनियर IPS अधिकारी का सोशल मीडिया पोस्ट हमेशा से संतुलित रहता है। बुधवार की आधी रात के बाद जब सोशल मीडिया पर उन्होंने यह खुलासा किया तो माहौल बिगड़ने की आशंका से खुद उसे हटा दिया। Bihar Mob Lynching के शिकार एक और युवक की मौत के कारण ‘अमर उजाला’ की टीम बुधवार रात सोशल मीडिया पर भी एक्टिव थी, तभी यह पोस्ट दिखे और कुछ देर बाद हट गए। यह पोस्ट बता रहे कि IG विकास वैभव 114 दिनों से बहुत कुछ बर्दाश्त कर रहे थे, लेकिन जब गालियां मां-बहन पर आईं तो लिखने को मजबूर हुए।
क्या लिखा IG विकास वैभव ने और क्यों लिखना पड़ा
IG विकास वैभव का सोशल मीडिया पोस्ट बता रहा है कि अपने 1990 बैच के ही IPS अधिकारी राजविंदर सिंह भट्ठी को बिहार बुलाकर DGP बनाए जाने के बाद से DG शोभा अहोटकर सदमे में हैं। आंध्र प्रदेश की मूल निवासी अहोटकर बिहार की नीतीश सरकार में गैर-बिहारियों को आगे बढ़ाए जाने की परंपरा से परिचित थीं, लेकिन उन्हें उम्मीद नहीं थी कि DGP की अहम जिम्मेदारी उन्हें नहीं मिलेगी। लेकिन, जब उन्हें बिहार के पुलिस कप्तान का पद नहीं मिला तो वह बिहारियों को खुलकर गालियां देने लगी हैं। पोस्ट यह भी बता रहा है कि चर्चित आईपीएस अधिकारी विकास वैभव को यहां पोस्टिंग के साथ ही प्रताड़ित किया जाने लगा।
बिहारी अस्मिता की बात करने के कारण ज्यादा परेशानी
बिहारी अस्मिता जागरण की मुहिम के कारण भारी फैन फॉलोइंग वाले विकास वैभव को इस नाम पर भी प्रताड़ित किया गया। लेट्स इंस्पायर बिहार के जरिए युवाओं को जागृत कर रहे थे, इसलिए यहां की पोस्टिंग के साथ ही इन्हें इस कार्यक्रम में भागीदारी से रोकने का आदेश मिला। जब छुट्टी के दिन इस कार्यक्रम के सिलसिले में जाने लगे तो राज्य मुख्यालय नहीं छोड़ने का आदेश मिला। फिर जब सोशल मीडिया से युवाओं को बिहारी अस्मिता के लिए प्रेरित करने में लगे तो हद पार करते हुए मां-बहन तक की गालियां दी गईं।
Source : Amar Ujala