राज्य के 5131 मध्य और माध्यमिक विद्यालयों में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगायी जाएंगी। इसके साथ डिस्पोजल मशीनें भी लगेंगी। इस योजना के लिए राज्य के शहरी क्षेत्रों में स्थित स्कूलों का चयन किया गया है। कई चरणों में मशीन लगाने का काम होगा। पहले चरण में 243 स्कूलों का चयन किया गया है।
महिला एवं बाल विकास निगम की ओर से यह मशीन लगायी जा रही है। सभी चयनित स्कूलों को संबंधित जिलाधिकारी के माध्यम से 55-55 हजार रुपये की राशि महिला एवं बाल विकास निगम की ओर से दी जाएगी। इस राशि से स्कूल में सेनेटरी पैड और डिस्पोजल पैड मशीन लगायी जाएगी।
ज्ञात हो कि स्कूलों में सेनेटरी पैड मशीन नहीं होने से छात्राओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई बार छात्राएं स्कूल नहीं जा पातीं तो कई छात्राओं को बीच में ही स्कूल छोड़कर घर जाना पड़ता है। सेनेटरी पैड की आसानी से उपलब्धता नहीं होने के कारण छात्राओं के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। छात्राओं की इन दिक्कतों के समाधान के लिए स्कूलों में सेनेटरी पैड वेंडिंग और डिस्पोजल मशीनें लगायी जा रही हैं।
महिला एवं बाल विकास निगम की ओर से माहवारी स्वच्छता पर जागरूकता लाने के लिए चीफ मास्टर ट्रेनर तैयार किया जा रहा है। चीफ मास्टर ट्रेनर द्वारा जिला स्तर पर मास्टर ट्रेनर तैयार किया जाएगा। इसके बाद मास्टर ट्रेनर द्वारा हर स्कूल में ट्रेनर तैयार किया जाएगा। इसके बाद स्कूल स्तर पर सभी छात्राओं को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन की जानकारी दी जायेगी। साइड इफेक्ट के प्रति छात्राओं को जागरूक किया जाएगा। स्कूल की शिक्षिकाओं को इससे जोड़ा जाएगा। दूसरे चरण के लिए चीफ मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण 20 से 23 फरवरी तक चलेगा। इसमें 30 जिलों के स्वास्थ्य विभाग, अनुसूचित जाति और जनजाति, पंचायती राज विभाग आदि के 67 कर्मी शामिल हैं। ये सभी प्रशिक्षण के बाद अपने-अपने विभाग की सभी महिला कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगी।
Source : Hindustan