पटना शहर की हवा लगातार खराब रह रही है। इसका एक प्रमुख कारण है शहर में हो रहे अधिकतर निर्माण कार्य बिना ग्रीन पट्टी से ढंके हो रहे हैं। इससे आसपास की हवा प्रदूषित हो रही है। जो लोग बिल्डिंग बायलॉज का पालन नहीं कर रहे हैं, वैसे लोगों को नगर निगम ने 6 मार्च तक का समय दिया है। इसके बाद भी खुले में निर्माण कार्य जारी रहा तो नगर निगम वैसे लोगों को चिह्नित कर जुर्माना लगाएगा और सड़क पर रखी निर्माण सामग्री को भी जब्त करेगा।

रात में एक साथ घूमेगी टीम
पटना नगर निगम की ओर से वायु प्रदूषण की मात्रा को कम करने के लिए एवं शहर में वायु गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए ऐसे भवनों के निर्माण के दौरान हरे रंग का कपड़ा इस्तेमाल करना अनिवार्य है। परंतु कई क्षेत्रों में ऐसा देखा जा रहा है कि भवनों का निर्माण बिना ढंके ही किया जा रहा है।नगर निगम की 50 टीमें प्रत्येक वार्ड में 6 मार्च की रात में ऐसे सभी भवनों को चिह्नित करेंगी जो पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। रात में ही जियो टैगिंग के माध्यम से उसकी तस्वीर ली जाएगी एवं अगले दिन उनसे जुर्माना वसूल किया जाएगा। नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर के निर्देश पर प्रत्येक वार्ड के लिए टीम तैयार की जा रही है, जो सभी वार्डों में एक साथ रात भ्रमण के लिए निकलेगी।

गांधी मैदान क्षेत्र की हवा सबसे ज्यादा खराब
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक बुधवार को पटना का औसत सूचकांक 272 है। वहीं राजधानी के प्रमुख छह क्षेत्रों में सबसे अधिक गांधी मैदान क्षेत्र की हवा खराब है। गांधी मैदान क्षेत्र का सूचकांक 329 है। इस क्षेत्र की हवा में सबसे अधिक धूलकण की मात्रा पायी गई है। वहीं समनपुरा क्षेत्र का 300, दानापुर का 289, राजवंशी नगर का 244, तारामंडल परिसर का 183 और पटना सिटी क्षेत्र का 288 सूचकांक है।

Source : Hindustan

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